‘दलबदल’ के बाद बीजेपी ने यूपी की सीट वितरण रणनीति में किया बदलाव

नई दिल्‍ली : ऐसे समय जब उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कुछ ही सप्‍ताह बाकी हैं, सत्‍तारूढ़ बीजेपी अपनी सीट वितरण रणनीति में बदलाव में व्‍यस्‍त है. पार्टी के सूत्रों के अनुसार, अब पहले की तुलना में गठबंधन सहयोगियों और मौजूदा विधायकों को लेकर अधिक उदार रुख अख्तियार किया जा रहा है. 403 सदस्‍यीय विधानसभा की 107 सीटों के लिए पार्टी, प्रत्‍याशियों के नाम घोषित कर चुकी है जबकि अन्‍य के लिए विचार विमर्श की प्रक्रिया जारी है. यूपी में सात चरणों में वोट डाले जाएंगे. पहले चरण के लिए वोटिंग 10 फरवरी को होगी जबकि रिजल्‍ट 10 मार्च को आएंगे.

बीजेपी, जो पहले 100 से 150 विधायकों के टिकट काटने पर विचार कर रही थी, अब पूर्व मंत्री स्‍वामी प्रसाद मौर्य के नेतृत्‍व में दो और मंत्रियों व कुछ विधायकों के अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वी सपा में दलबदल के बाद असमंजस की स्थिति में है. सूत्र बताते हैं कि इस बात की संभावना कम है कि बीजेपी 50 से ज्‍यादा विधायकों के टिकट काटेगी हालांकि पार्टी की ओर से कराए गए सर्वेक्षणों में एंटी इनकम्‍बेंसी (सत्‍ता विरोधी रुझान) से निपटने के लिए ‘व्‍यापक बदलाव’ पर जोर दिया गया था. चर्चाएं हैं कि सहयोगी संजय निषाद की निषाद पार्टी और अपना दल को भी मौजूदा की तुलना में ज्‍यादा बड़ी हिस्‍सेदारी मिल सकती है

सीटों के आवटंन में जाति का अंकगणित अहम भूमिका निभा रहा है और मौजूदा परिदृश्‍य में पार्टी, अनुसूचित जाति और अन्‍य पिछड़े वर्ग को पर्याप्‍त प्रतिनिधित्‍व देने को लेकर जागरूक है. सीएम योगी आदित्‍यनाथ और डिप्‍टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के नाम पहले ही प्रत्‍याशी के तौर पर घोषित किए जा चुके हैं, अब इस बात पर चर्चा हो रही है कि क्‍या दिनेश शर्मा और स्‍वतंत्र देव सिंह जैसे अन्‍य प्रमुख नेता चुनाव लड़ेंगे.

Related posts

Leave a Comment