Amit Shah ने बताया सहकारिता क्षेत्र का महत्व, बोले- भारत जल्द बनेगा दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सोमवार को कहा कि भारत (India) अब से कुछ साल बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (Economy) बन जाएगा और सहकारी क्षेत्र (Cooperative Sector) भी देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की है कि सरकार 2024 के आम चुनावों से पहले ग्राम स्तर पर 2 लाख नई डेयरी सहकारी समितियों को स्थापित करने में मदद करेगी. उन्होंने डेयरी उद्योग को व्यावसायिकता, नवीनतम तकनीक, कम्प्यूटरीकरण और डिजिटल भुगतान को बड़े पैमाने पर अपनाने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि अगर हम ऐसा नहीं करते हैं तो  इसे आगे बढ़ने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है.

तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था 

केंद्रीय मंत्री ने डेयरी उद्योग (Dairy Industry) से बढ़ती घरेलू मांग को पूरा करने और गरीब देशों को आपूर्ति करने के लिए दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कहा. उन्होंने उद्योग को दूध प्रसंस्करण के लिए इस्तेमाल होने वाली मशीनरी के निर्माण में आत्मनिर्भर बनने का भी आह्वान किया. शाह 12-15 सितंबर के दौरान यहां इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित होने वाले इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन वर्ल्ड डेयरी समिट (IDFWDC) 2022 में बोल रहे थे. मंत्री ने कहा कि 2014 में भारत दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी और अब यह पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है. शाह ने विश्वास व्यक्त किया कि जब देश दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा तब सहकारी क्षेत्र के योगदान पर भी चर्चा होगी. 

महिला सशक्तिकरण और कुपोषण से लड़ने में भी बड़ी भूमिका

अमित शाह ने कहा कि शिखर सम्मेलन 48 वर्षों के बाद आयोजित किया जा रहा है और देश अब दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर और निर्यातक भी हो गया है. उन्होंने इस क्षेत्र में शामिल डेयरी सहकारी समितियों और कॉरपोरेट्स के बीच अंतर करने की मांग की. शाह ने कहा कि डेयरी सहकारी समितियों ने महिला सशक्तिकरण और कुपोषण से लड़ने में भी बड़ी भूमिका निभाई है. सहकारिता क्षेत्र और डेयरी सहकारी समितियों ने ग्रामीण विकास में काफी काम किया है. अमित शाह ने घोषणा की कि जैविक खेती और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए तीन बहु सहकारी समितियां स्थापित की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत तक अमूल जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एक निर्यात घर स्थापित करेगा. 

केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने अमूल की सफलता की कहानी भी साझा की, जिसका वार्षिक कारोबार लगभग 60,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. शाह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि दूध की खुदरा कीमतों का 77 प्रतिशत दुनिया में 40-45 प्रतिशत के मुकाबले किसानों को दिया जाता है. 

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