अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट

अमेरिका की निवेश जांच कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रपट में आरोप लगाया है कि अडाणी समूह दशकों से ‘खुल्लम-खुल्ला शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल रहा है। यह रपट आने के बाद समूह के कंपनी के शेयर नीचे आ गए। बीएसई पर अडाणी ट्रांसमिशन का शेयर 8.87 फीसद की गिरावट के साथ 2,511.75 रुपए पर बंद हुआ। इसके अलावा, अडाणी पोर्ट-एसईजेड का शेयर 6.30 फीसद की गिरावट के साथ 712.90 रुपए पर आ गया। अडाणी टोटल गैस का शेयर 5.59 फीसद की गिरावट के साथ 3,668.15 रुपए प्रति शेयर के भाव पर बंद हुआ, जबकि पांच-पांच फीसद की गिरावट के साथ अडाणी विल्मर 544.50 रुपए और अडाणी पावर 261.10 रुपए पर बंद हुआ।

अडाणी ग्रीन एनर्जी के शेयर 3.04 फीसद गिर गए और समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर में 1.54 फीसद की गिरावट दर्ज की गई। अडाणी समूह द्वारा हाल ही में अधिगृहित की गई अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी के शेयर में भी बीएसई में लगभग सात फीसद की गिरावट दर्ज की गई, जबकि उसकी मीडिया फर्म न्यू दिल्ली टेलीविजन (एनडीटीवी) के शेयर मे पांच फीसद की गिरावट दर्ज की गई। तीस शेयर वाला बीएसई सेंसेक्स बुधवार को 773.69 अंक की गिरावट के साथ 60,205.06 अंक पर बंद हुआ।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडाणी परिवार के नियंत्रण वाली ‘मुखौटा इकाइयों’ के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। ये कंपनियां कैरेबियाई और मारीशस से लेकर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) तक में है। इसमें दावा किया गया है कि इन इकाइयों का उपयोग भ्रष्टाचार, मनी लांड्रिंग और कर चोरी को अंजाम देने के लिए किया गया। साथ ही समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के धन की हेराफेरी के लिए भी इसका उपयोग किया गया।

यह रिपोर्ट अडाणी समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपए के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) के आवेदन के लिए खुलने से ठीक पहले आई है। कंपनी का एफपीओ 27 जनवरी को खुलकर 31 जनवरी को बंद होगा। अडाणी समूह ने कहा है कि रिपोर्ट को लेकर तथ्यों की पुष्टि के लिए उससे कोई संपर्क नहीं किया गया और यह अचंभित और परेशान करने वाला है।

बंदरगाह से लेकर ऊर्जा क्षेत्र में काम कर रहे समूह ने कहा, ‘रिपोर्ट कुछ और नहीं बल्कि चुनिंदा गलत और निराधार सूचनाओं को लेकर तैयार की गई है और जिसका मकसद पूरी तरीके से दुर्भावनापूर्ण है। जिन बातों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है, उसे भारत की अदालतें भी खारिज कर चुकी हैं।’समूह ने रिपोर्ट के समय को लेकर भी सवाल उठाया है। उसने कहा कि एफपीओ से ठीक पहले जारी रिपोर्ट से साफ पता चलता है कि दुर्भावनापूर्ण इरादे से इसे लाया गया है जिसका मकसद अडाणी समूह के साख को बट्टा लगाना है।

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