प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीति की बड़ी सफलता… तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर बोले अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मुख्य आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा के भारत प्रत्यार्पित किए जाने पर बड़ी टिप्पणी की है. अमित शाह ने तहव्वुर हुसैन राणा के भारत प्रत्यार्पण किए जाने को पीएम नरेंद्र मोदी की कूटनीति की बड़ी सफलता करार दिया है.

शाह ने बताया कि मोदी सरकार का उद्देश्य है उन लोगों को न्याय दिलाना जो भारत के सम्मान, भूमि और लोगों पर हमला करने के दोषी हैं. उन्होंने कहा, “उसे यहां लाकर मुकदमे और सजा का सामना कराया जाएगा.” इससे पहले, तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय में अमित शाह के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक हुई. इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह के अतिरिक्वित देश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सहित अन्य आला अधिकारी उपस्थित थे. इस बैठक में राणा के भारत आने से पहले की सुरक्षा स्थिति पर समीक्षा की गई.

विशेष विमान से दिल्ली लाया जाएगा तहव्वुर राणा
सूत्रों के मुताबिक, तहव्वुर राणा को लेकर विशेष विमान गुरुवार दोपहर दिल्ली पहुंचेगा. इस प्रत्यर्पण से जांच एजेंसियों को 26/11 हमलों के पीछे पाकिस्तानी सरकारी तत्वों की भूमिका को उजागर करने में मदद मिल सकती है, जिससे जांच में नई रोशनी पड़ सकती है. राणा के प्रत्यर्पण के बाद, उसे कानूनी औपचारिकताओं के बाद प्रारंभ में एनआईए की हिरासत में रखा जा सकता है. सूत्रों का कहना है कि राणा का अमेरिका से प्रत्यर्पण 2008 में हुए नरसंहार से पहले उसके भारत के कुछ हिस्सों में की गई यात्राओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकता है.

एनआईए कोर्ट में चलेगा मुकदमा
राणा, पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली के करीबी सहयोगी माने जाते हैं, जो 26/11 हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है. एफबीआई ने उसे 2009 में शिकागो में गिरफ्तार किया था, जहां उसे कोपेनहेगन में एक समाचार पत्र पर हमले की योजना में सहायता करने और लश्कर-ए-तैयबा को भौतिक सहायता देने के आरोप में दोषी ठहराया गया था. हालांकि, मुंबई हमलों में राणा को भौतिक सहायता प्रदान करने के आरोप से बरी कर दिया गया था. राणा का प्रत्यर्पण रोकने का उसका आखिरी प्रयास अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा अस्वीकार किए जाने के बाद विफल हो गया, और अब वह भारतीय अधिकारियों के हवाले किया जाएगा, जहां उसे कानून का सामना करना होगा. सूत्रों के अनुसार एनआईए की विशेष कोर्ट में मुकदमा चलाया जाएगा.

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