वित्त मंत्री ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि योजना सहायता के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) द्वारा अतीत में कुछ राज्यों को दिया गया था, जिनकी कई विशेषताएं ऐसी थीं, जिनके लिए विशेष विचार की आवश्यकता थी।
यह निर्णय ऊपर सूचीबद्ध सभी कारकों और राज्य की विशिष्ट स्थिति के एकीकृत विचार के आधार पर लिया गया था। इससे पहले, विशेष श्रेणी के दर्जे के लिए बिहार के अनुरोध पर एक अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) द्वारा विचार किया गया था, जिसने 30 मार्च, 2012 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। आईएमजी इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि मौजूदा एनडीसी मानदंडों के आधार पर, बिहार के लिए विशेष श्रेणी के दर्जे का मामला नहीं बनता है।
वही मामले पर बिहार की राजनीती में हलचल मच गयी ह।। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा। लोकसभा में जनता दल यूनाईटेड के सांसद रामप्रीत मंडल के सवाल पर केंद्र सरकार ने दो टूक कह दिया कि बिहार को नेशनल डेवलेपमेंट काउंसिल के क्राइटेरिया के तहत बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे पाना संभव नहीं है। अब इस मामले को लेकर बिहार में सियासत गरमा गई है। महागठबंधन ने नीतीश सरकार से इस्तीफा तक की मांग कर दी। राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कहा कि एनडीए गठबंधन पर हमला बोलते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार ने बड़ी निर्लज्जता से बिहार को ‘विशेष राज्य’ पर झुनझुना पकड़ा दिया है। “विशेष राज्य का दर्जा नहीं तो विशेष पैकेज के नाम पर ही बिहार को कुछ भी दे दें”, यह कहकर जदयू भाजपा के सामने नतमस्तक है। इसलिए नीतीश कुमार को तुरंत इस्तीफ़ा दे देना चाहिए। उन्होंने तो कहा था कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिला देंगे पर केंद्र ने मना कर दिया।