बीरभूम हिंसा – कुछ लोगों की गलतियों के लिए पुलिस को बदनाम ना करें : ममता बनर्जी

सिलीगुड़ी: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हिंसा की हालिया घटना को रोकने में कथित लापरवाही को लेकर गम्भीर आलोचनाओं का शिकार हो रही प्रदेश पुलिस का मजबूती से बचाव करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को कहा कि एक या दो व्यक्तियों की गलती के लिए पूरी पुलिस बिरादरी के अच्छे कार्यों को नकारा नहीं जा सकता. राज्य के गृह (पुलिस) विभाग का प्रभार संभालने वाली ममता बनर्जी ने कहा कि एक स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता की हत्या के बाद बोगतुई गांव में हुई आगजनी और हिंसा को रोकने के लिए कथित तौर पर कदम न उठाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है. इस हिंसा और आगजनी में आठ लोगों की मौत हो गयी थी.

गत 21 मार्च की घटना के मद्देनजर रामपुरहाट पुलिस स्टेशन के थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है, जबकि तहसील के एसडीपीओ को ‘अनिवार्य प्रतीक्षा’सूची में रखा गया है. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राज्य की पुलिस सालों लोगों की मदद करती रहती है, चाहे वह कानून-व्यवस्था की स्थिति में हो, या कोविड-19 रोगियों की सहायता उपलब्ध कराने में. एक या दो कर्मी की गलती के लिए पूरी पुलिस को बदनाम करना सही नहीं है.” बनर्जी ने स्वीकार किया कि पुलिस ने शुरू में गलती की. उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों को टीएमसी नेता की हत्या के प्रतिशोध में किसी घटना के घटित होने का अंदेशा होना चाहिए था.

उन्होंने कहा, ‘‘शुरू में गलती हुई है, लेकिन हमने कार्रवाई की है. हमने ओसी और एसडीपीओ को हटा दिया है और टीएमसी के ब्लॉक अध्यक्ष (अनारुल हुसैन) सहित 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.” उन्होंने आगे कहा कि गिरफ्तार किये गये सभी आरोपी टीएमसी के समर्थक हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने जांच के दौरान बढ़िया कार्य किया था, लेकिन बाद में कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी गयी थी. पश्चिम बंगाल को सर्वाधिक शांत राज्य करार देते हुए बनर्जी ने कहा कि एक छोटी सी घटना पर बहुत ज्यादा हायतौबा मचा दी गयी है और ऐसा यह प्रदर्शित करने के लिए किया जा रहा है कि ममता बनर्जी की सरकार बहुत खराब है.

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा जान-बूझकर किया जा रहा है, चूंकि वे जानते हैं कि केवल ममता बनर्जी ही भाजपा से लड़ सकती है, बाकी कोई नहीं.” टीएमसी प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी ने कभी भी लोगों की मौत का राजनीतिकरण नहीं किया या विपक्ष में रहने के दौरान इस तरह की घटना में ‘आग में घी’ डालने का काम नहीं किया है. उन्होंने कहा कि विपक्ष का मुख्य उद्देश्य पश्चिम बंगाल में औद्योगिकीकरण और रोजगार के अवसर सृजित करने से सरकार को रोकना है.

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