‘Elon Musk के Twitter को खरीदने से प्रोजेक्‍ट ‘ब्‍लूस्‍काई’ पर नहीं पड़ेगा कोई असर’

ट्विटर (Twitter) को एलन मस्‍क (Elon Musk) द्वारा खरीदे जाने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि कंपनी से जुड़े प्रोजेक्‍ट्स का क्‍या होगा. इन्‍हीं में से एक है ‘ब्‍लूस्‍काई’. यह सोशल मीडिया के लिए एक डीसेंट्रलाइज्‍ड स्‍टैंडर्ड बनाने का कार्यक्रम है, जिसे ट्विटर फंड कर रही है. ‘ब्‍लूस्‍काई’ ने कहा है कि एलन मस्‍क द्वारा ट्विटर को खरीदे जाने के बाद वह कंपनी द्वारा नियंत्रित नहीं है. एक ट्वीट के जरिए कंपनी ने समझाया है कि वह फरवरी से एक पब्‍लिक बेनिफ‍िट लायबि‍लिटी कंपनी के रूप में स्वतंत्र रूप से काम कर रही है. कंपनी ने यह भी बताया है कि वह कैसे स्‍वतंत्र रूप से काम करती है.

ब्‍लूस्‍काई ने ट्वीट किया है कि कंपनी का स्वामित्व टीम के पास ही है. ट्विटर के पास इसकी कोई भी नियंत्रित हिस्‍सेदारी नहीं है. कंपनी के मुताबिक, ‘पब्‍लिक बेनिफ‍िट’ उसके स्‍ट्रक्‍चर का हिस्‍सा है. इससे उसे पैसे को संसाधनों और अपने मिशन में लगाने की आजादी मिलती है. ब्‍लूस्‍काई के अनुसार, ट्विटर के पूर्व CEO जैक डोर्सी अभी भी बोर्ड के मेंबर बने हुए हैं. उनके पास 13 मिलियन डॉलर (लगभग 99.5 करोड़ रुपये) की फंडिंग है. इससे यह सुनिश्चित होता है कि कंपनी अपने रिसर्च और डेवलपमेंट पर काम शुरू कर सकती है.

ब्‍लूस्‍काई ने जिस तरह से खुद को इंडिपेंडेंट दिखाया है, उससे मस्क की ट्विटर में ‘सुधार’ करने की योजनाएं अभी उतनी दमदार नहीं लगतीं. वैसे, टेस्ला के CEO ने पहले ही यह बता दिया है कि सोशल मीडिया दिग्गज को खरीदने पर वह इसे प्राइवेट तौर पर अपने हाथों में लेंगे. मस्क का इरादा फ्री स्‍पीच को बढ़ावा देने और ट्विटर पर कंटेंट मॉडरेशन को कम करने का भी है. ट्विटर के पूर्व CEO जैक डोर्सी ने साल 2019 में ब्‍लूस्‍काई को शुरू किया था. इसने पिछले साल यानी 2021 स्‍पीड पकड़ी. अपनी शुरुआत के बाद से ही ब्‍लूस्‍काई ने कई क्रिप्टो प्राेजेक्‍ट्स से प्रेरणा ली है. इनमें शामिल हैं, IPFS. यह एक प्रोटोकॉल है, जो पीयर-टू-पीयर फाइल शेयरिंग की इजाजत देता है. साथ ही बेसिक अटेंशन टोकन, जो ब्रेव ब्राउजर यूजर्स को विज्ञापन देखने के लिए प्रोत्साहित करता है.

एलन मस्‍क द्वारा ट्विटर को खरीदे जाने का असर क्रिप्‍टोकरेंसी मार्केट में भी देखने को मिला था. मीम कॉइन के रूप में चर्चित डॉजकॉइन की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई थी. ऐलान के बाद डॉजकॉइन की कीमतें 23.63 फीसदी ऊपर चढ़ गईं थीं.

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