मृत शिशु पैदा होने के मामले करीब 3 गुना बढ़े, कोरोना डेल्टा वेरिएंट को बताया जा रहा है वजह

मुंबई: मृत शिशु पैदा होने यानी स्टिलबर्थ के मामले करीब 3 गुना बढ़े हैं. पहली लहर में स्टिलबर्थ दर जहां 14.6% थी तो वहीं कोविड की दूसरी लहर में 34.8% दिखी. मुंबई के अस्पताल में ICMR-NIRRH के अध्ययन में ये सामने आया है. गर्भवती महिलाओं में वैक्सीन को लेकर हिचक एक्स्पर्ट्स को चिंतित कर रही है. बता दें, गर्भधारण के 22 हफ्ते या उसके बाद मृत शिशु के पैदा होने या प्रसव के दौरान शिशु की मौत हो जाने को ‘स्टिलबर्थ’ कहते हैं.

महाराष्ट्र सरकार-बीएमसी के साथ मिलकर, मुंबई के नायर अस्पताल में हुए आईसीएमआर की नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन रिप्रोडक्टिव हेल्थ के हालिया अध्ययन में ये सामने आया है. European Journal of Obstetrics & Genecology and Reproductive Biology में प्रकाशित ये अध्ययन 1 अप्रैल 2020 से 12 जुलाई 2021 के बीच कोरोना पॉजिटिव 1,645 गर्भवती महिलाओं पर हुआ. शोध में पाया गया कि दूसरी लहर के दौरान, प्रत्येक 1 हजार जन्म पर मृत शिशु के जन्म की दर दोगुनी से अधिक 34.8% थी, जबकि पहली लहर के दौरान ये 14.6% थी.

आईसीएमआर-एनआईआरआरएच के वैज्ञानिक और शोधकर्ता डॉ राहुल गजभिए इसका ताल्लुक डेल्टा वेरिएंट से देख रहे हैं. आईसीएमआर-एनआईआरआरएच के शोधकर्ता डॉ राहुल गजभिए का कहना है, ‘स्टिल्बर्थ देने वाली महिलाओं में से 25% को कोविड के ज़्यादा लक्षण थे, मॉडरेट से सिवीयर श्रेणी की कोविड इंफ़ेक्टेड थीं वो. जब अस्पताल में ये आयीं थीं तब ही उनका ऑक्सिजन लेवल कम था. सांस में तकलीफ थी, भारत में दूसरी लहर का जिम्मेदार डेल्टा वेरीयंट को माना गया तो बढ़े स्टिल्बर्थ के पीछे भी इसकी सम्भावना हो सकती है.’

मुंबई-महाराष्ट्र के कई अस्पतालों ने शिशु के मृत जन्म, गर्भपात, समय से पहले जन्म, या जन्म के समय कम वजन जैसे कई जोखिम से प्रेगनेंट महिलाओं को गुजरते देखा है, वैक्सीनेटेड माओं में तकलीफ़ें कम हैं.

मदरहुड अस्पताल की ऑब्स्टेट्रिशन एवं गायनकॉलिजस्ट डॉ सुरभि सिद्धार्थ का कहना है, ‘3.4% से ज्यादा स्टिल्बर्थ हमने देखी है. गर्भपात अलग-अलग समेस्टर्ज़ में देखा है की बढ़ चुका है और जिन माओं ने कोविड वैक्सीन नहीं ली है उनमें कॉम्प्लिकेशन ज़्यादा हैं. इसलिए विनती है की वैक्सीन लें.’

Wockhardt अस्पताल की गायनकॉलिजस्ट बाइट- डॉ इंद्राणी सालुंखे का कहना है, ‘मैंने देखा है की जिन गर्भवति महिलाओं ने वैक्सीन की पहली डोज भी ली है उनमें लक्षण कम हैं, या डिलीवरी में तकलीफ नहीं हो रही है. वैक्सीन गर्भवति महिलाओं के लिए जरूरी और सेफ है.’

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