ट्विटर दस्तावेज़ में खुलासा, केंद्र ने राजनेताओं, पत्रकारों को ब्लॉक करने का किया था अनुरोध

नयी दिल्ली: ट्विटर को सरकार द्वारा पिछले साल अधिकार समूह फ्रीडम हाउस, पत्रकारों, राजनीतिज्ञों और किसानों के समर्थकों के कई अकाउंट और कुछ ट्वीट्स को अवरुद्ध (ब्लॉक) करने के लिए कहा गया था. ट्विटर द्वारा 26 जून को दायर एक दस्तावेज में यह जानकारी सामने आई है. ‘लुमेन डेटाबेस’ के दस्तावेज़ के अनुसार, सरकार की ओर से अनुरोध पांच जनवरी, 2021 और 29 दिसंबर, 2021 के बीच भेजे गए थे. गूगल, फेसबुक और ट्विटर जैसी प्रमुख इंटरनेट कंपनियां लुमेन डेटाबेस में उन वेबलिंक्स या अकाउंट के बारे में जानकारी दर्ज करती हैं, जिन्हें लागू कानूनों के तहत किसी भी संस्था द्वारा उन्हें ब्लॉक करने के लिए कहा गया है हालांकि, इस बारे में विवरण कि क्या किसी लिंक या अकाउंट को ब्लॉक करने का अनुरोध पूरा किया गया था, डेटाबेस पर उपलब्ध नहीं है.
ट्विटर द्वारा दायर दस्तावेज़ के अनुसार, सरकार द्वारा फ्रीडम हाउस के ट्वीट को ब्लॉक करने के लिए कहा गया था. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय को भेजे गए एक ई-मेल प्रश्न का कोई जवाब नहीं मिला.

दस्तावेज़ के अनुसार, सरकार ने ट्विटर को फ्रीडम हाउस के कुछ ट्वीट्स को ब्लॉक करने के लिए कहा था, जिसमें 2020 में इंटरनेट की स्वतंत्रता की स्थिति के बारे में बात की गई थी. दस्तावेज़ से पता चला कि सरकार ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के सदस्यों के ट्वीट को ब्लॉक करने का अनुरोध किया था.

दस्तावेज के अनुसार सरकार ने ट्विटर से किसान एकता मोर्चा का अकाउंट ब्लॉक करने का भी अनुरोध किया था. संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सोमवार को दावा किया कि ट्विटर ने केंद्र सरकार के ‘‘निर्देशों” पर कृषि आंदोलन से जुड़े लगभग 12 अकाउंट बंद कर दिए हैं.

एसकेएम ने आरोप लगाया कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने ट्विटर पर केंद्र पर सवाल उठाने के लिए इन अकाउंट को ‘‘बंद” करने के लिए ‘‘दबाव डाला” है.

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