‘कानून से ऊपर कोई नहीं है’: अदालत ने घरेलू हिंसा मामले में हनी सिंह के पेश नहीं होने पर कहा

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने पंजाबी गायक एवं अभिनेता यो यो हनी सिंह के खिलाफ उनकी पत्नी द्वारा दर्ज कराए गए घरेलू हिंसा के मामले में अदालत के समक्ष पेश नहीं होने पर सिंह को कड़ी फटकार लगाई है. मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट तानिया सिंह ने कहा, ‘‘कानून से ऊपर कोई नहीं है. यह देखकर आश्चर्यचकित हूं कि इस मामले को कितने हल्के में लिया जा रहा है.” सिंह ने चिकित्सीय आधार पर मामले में पेशी से छूट प्राप्त करने के लिए आवेदन दाखिल किया था, वहीं उनकी पत्नी शालिनी तलवार अदालत में पेश हुईं.अदालत ने नाखुशी जाहिर करते हुए सिंह के वकील से कहा, ‘‘ हनी सिंह हाजिर नहीं हुए. आपने उनका आय हलफनामा दाखिल नहीं किया है और दलीलों के लिए भी तैयार नहीं हैं.”मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने सिंह को अदालत में पेश होने का एक अंतिम अवसर दिया और उनसे दोबारा इस तरह का आचरण नहीं करने को कहा.

शालिनी तलवार ने पति हनी सिंह के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया है और हर्जाने के तौर पर 20 करोड़ रुपये की मांग की है. सिंह के वकील ईशान मुखर्जी ने तलवार की याचिका पर जवाब दाखिल करते हुए अदालत को बताया कि वह पहले ही आभूषण सहित सभी कीमती सामान अपने साथ ले जा चुकी हैं और वह अपने ससुराल वालों के साथ नोएडा के मकान में 15 दिन में रहने आ सकती हैं

मुखर्जी ने कहा, ‘‘हम उन्हें साथ रखने के लिए तैयार हैं. हम एक दीवार बना देंगे. 15 दिन में उन्हें यह उपलब्ध कराया जा सकता है.” साथ ही मुखर्जी ने कहा कि सिंह के पास करीब चार करोड़ रुपये की दो संपत्तियां हैं, जिनमें से एक करोड़ रुपये मूल्य वाली एक संपत्ति शालिनी तलवार के नाम है.

गौरतलब है कि हिर्देश सिंह उर्फ यो यो हनी सिंह और तलवार 23 जनवरी, 2011 को वैवाहिक बंधन में बंधे थे। तलवार ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि सिंह ने पिछले 10 वर्षों में उन्हें शारीरिक प्रताड़ना दी. साथ ही कहा कि सिंह ने उनके साथ धोखा किया.
इस मामले की सुनवाई के दौरान पंजाबी गायक एवं अभिनेता यो यो हनी सिंह की पत्नी शनिवार को सुनवाई के दौरान अदालत कक्ष में रो पड़ीं दिल्ली की तीस हजारी अदालत में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट तानिया सिंह के समक्ष शालिनी तलवार ने कहा, ‘‘मेरे पास कोई विकल्प नहीं बचा है. मैंने जीवन के 10 साल दिए. मैं अपना सबकुछ छोड़कर उसके साथ खड़ी रही. अब उसने मुझे छोड़ दिया.” इस पर न्यायाधीश ने कहा कि वह याचिकाकर्ता के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं. मजिस्ट्रेट ने याचिकाकर्ता से पूछा, ‘‘ अब आप अदालत से क्या चाहती हैं? आपकी शादी किस स्थिति में है? आप दोनों के बीच प्रेम कहां खो गया?” इसके आगे न्यायाधीश ने कहा कि अगर मामला सुलझ जाता है तो ज्यादा बेहतर होगा.

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