राज्यपाल से देश की 15वीं राष्ट्रपति तक… कुछ ऐसा रहा आदिवासी समुदाय से आने वालीं द्रौपदी मुर्मू का सफर

देश में आज एक नया इतिहास लिखा जा रहा है. आदिवासी समुदाय से आने वाले किसी व्यक्ति को देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचने में 75 साल लग गए. द्रौपदी मूर्मू आदिवासी समुदाय (Tribal Community) के संथाल जाति से हैं. द्रौपदी मुर्मू एक मेधावी छात्रा रही हैं और वह बाद में जनजातीय बस्ती से पहली स्नातक भी बनीं. मुर्मू (Droupadi Murmu) ने एक शिक्षिका के तौर अपना करियर शुरू किया था और उसके बाद धीरे-धीरे सियासत में दिलचस्पी के बाद इस तरफ कदम बढ़ाया. पार्षद, विधायक और झारखंड की राज्यपाल से लेकर अब राष्ट्रपति (President) पद तक का सफर तय किया.

द्रौपदी मूर्मू को एनडीए की तरफ राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था. विपक्ष ने उनके सामने TMC नेता यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन मूर्मु के समर्थन में ना सिर्फ NDA बल्कि विपक्ष के कई दलों ने भी वोट किया.

आजाद देश में पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति

ये पहला मौका है जब आजाद देश में पैदा हुआ कोई शख्स राष्ट्रपति बना है. 64 साल की उम्र में वह आजादी के बाद पैदा होने वाली सबसे कम उम्र की भारत की पहली राष्ट्रपति होंगी. देश इसी साल आजादी का अमृतमहोत्सव मना रहा है और इसी देश को आजाद भारत में पैदा हुई महिला राष्ट्रपति मिली. पीएम मोदी भी आजाद भारत में पैदा हुए पहले प्रधानमंत्री हैं.

शिक्षिका और फिर राजनीति का सफर

द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के उपरबेड़ा गांव में हुआ था. उनका जन्म मयूरभंज के एक आदिवासी परिवार में हुआ था. द्रौपदी मुर्मू के पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू था, जो अपने जमाने में कभी गांव के प्रमुख रहे थे. द्रौपदी मुर्मू ने अपने गृह जनपद से शिक्षा प्राप्त करने के बाद भुवनेश्वर के रामादेवी महिला कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की. इसके बाद वो बतौर एक शिक्षिका अपने करियर की शुरुआत की थी. राजनीति में आने के बाद पार्षद, विधायक और राज्य सरकार में मंत्री भी रहीं. मुर्मू राज्य में बीजेडी-बीजेपी गठबंधन सरकार में मंत्री  रहीं थीं.

झारखंड की राज्यपाल से राष्ट्रपति पद तक

द्रौपदी मूर्मू देश की नजर में तब आई जब उन्हें झारखंड का राज्यपाल बनाया गया. वो झारखंड की पहली महिला राज्यपाल भी हैं. इस पद पर वो 2015 से 2021 तक करीब 6 साल रहीं, इस दौरान राज्य में पहले बीजेपी और फिर जेएमएम की सरकार रही लेकिन बतौर राज्यपाल मुर्मू का कार्यकाल निर्विवाद रहा. कई मौकों पर तो उन्होंने आदिवासी समुदाय के हितों के लिए राज्य सरकार को बिल वापस भी लौटाए

देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति

द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) से पहले साल 2007 में प्रतिभा देवी सिंह पाटिल (Pratibha Devi Singh Patil) देश की पहली महिला राष्ट्रपति (President of India) बनीं थीं. ओडिशा से आने वाली द्रौपदी मुर्मू राज्य से दूसरी राष्ट्रपति हैं. इससे पहले 1969 में वीवी गिरी देश के चौथे राष्ट्रपति बने थे जो ओडिशा से ही थे. मुर्मू ने 64 फीसदी वोट हासिल करके संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (yashwant Sinha) के खिलाफ राष्ट्रपति चुनाव जीता. बीजेडी पहली गैर-एनडीए पार्टी थी जिसने द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी के लिए अपने समर्थन की घोषणा की थी.

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