” भले कुछ कार्यकर्ता कोरोना संक्रमित हो जाएं..” : विरोध प्रदर्शन के दौरान मास्‍क न पहनने पर AAP का ‘अजीब’ तर्क

नई दिल्ली: केंद्र सरकार की वैक्‍सीन नीति (vaccine policy) के खिलाफ दिल्‍ली में सत्‍तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) के विरोध प्रदर्शन के दौरान आज कोविड गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ी. आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक, बीजेपी कार्यालय के पास की सड़क पर बिना मास्‍क के नजर आए . ऐसे समय जब राजधानी दिल्‍ली सहित पूरा देश कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा है, ‘आप’ कार्यकर्ता सोशल डिस्‍टेसिंग के नियमों की पूरी तरह से अवहेलना करते दिखे. पुलिस का कहना है कि यह विरोध प्रदर्शन अवैधानिक है क्‍योंकि कोविड नियंत्रण नियमों के अंतर्गत इतनी संख्‍या में लोगों को इकट्ठा नहीं किया जा सकता.
‘आप’ नेता सौरभ भारद्वाज से जब पूछा गया कि दिल्‍ली में जब 5000 से अधिक केस रोजाना आ रहे हैं तो कोरोना को किस तरह नियंत्रित किया जा सकेगा जब सत्‍तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ता ही मास्‍क नहीं पहनेंगे तो उन्‍होंने पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी चुनावी रैलियों की ओर संकेत कर दिया. बीजेपी को भी कोरोना महामारी के दौरान रैलियां आयोजित करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है. सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘प्रधानमंत्री जो करते हैं, देश की जनता उसका अनुसरण करते हैं. पीएम ने बिहार में रैली को संबोधित किया जिसमें हजारों/लाखों की संख्‍या में लोग थे. इसके बाद उन्‍होंने हाल ही में असम और चुनाव वाले राज्‍यों में ऐसा किया. यदि वे सभी नियमों का पालन करेंगे तो अन्‍य भी उनका अनुसरण करेंगे. ”भारद्वाज ने कहा कि जहां तक ‘आप’ कार्यकर्ताओं की बात है तो करोड़ों लोगों को वैक्‍सीन लगवाने के लिए प्रयास में यदि हमारे कुछ कार्यकर्ता संक्रमित भी हो जाएं तो हम इसके लिए तैयार हैं.”
गौरतलब है कि दिल्‍ली में मंगलवार को 5,100 नए केस दर्ज किए गए थे, इसके बाद अरविंद केजरीवाल सरकाार ने तुरंत प्रभाव से नाइट कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया था. दिल्ली हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि अकेले कार चला रहे व्यक्ति को भी मास्क लगाना जरूरी है. हाईकोर्ट ने कहा कि वाहन को पब्लिक प्लेस माना जाएगा. कोर्ट ने यह भी कहा कि जब ट्रैफिक सिग्नल पर वाहन रुकता है तो कई बार वाहन चालक को अपनी साइड वाली विंडो खोलनी पड़ती है. कोरोना का यह वायरस इतना प्रभावशाली है तो वह इस दौरान भी किसी भी व्यक्ति को अपना शिकार बना सकता है. अदालत कहा कि सरकार जो भी नियम लागू कर रही है, वह आपको सुरक्षित रखने के लिए कर रही है, इसलिए इसे अहम का विषय बनाने से सभी लोगों को बचना चाहिए.

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