ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) वायरस के मामले भारत के कई राज्यों में सामने आ रहे हैं, जिससे चिंता का माहौल बन गया है. यह वायरस मुख्य रूप से रेसपिरेटरी सिस्टम को प्रभावित करता है. असम, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, बिहार और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में एचएमपीवी के खिलाफ एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं. स्वास्थ्य विभागों ने निगरानी और वायरस की रोकथाम के लिए विशेष दिशानिर्देश जारी किए हैं. असम में 10 महीने के एक बच्चे में एचएमपीवी का पता चला है, जो इस मौसम का पहला मामला है. वहीं, गुजरात के साबरकांठा जिले में आठ वर्षीय बच्चे के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है, जिससे राज्य में कुल मामले तीन हो गए हैं. दोनों राज्यों ने संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए विशेष प्रयास शुरू किए हैं.
महाराष्ट्र में टास्क फोर्स का गठन
महाराष्ट्र में एचएमपीवी के मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने टास्क फोर्स का गठन किया है. जेजे अस्पताल की डीन, डॉक्टर पल्लवी सापले, को इसका नेतृत्व सौंपा गया है. टास्क फोर्स ने गाइडलाइन्स तैयार की हैं और सांस संबंधी रोगों पर नजर रखने के लिए सभी चाइल्ड स्पेशलिस्ट को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. नागपुर में दो संदिग्ध मामले सामने आने के बाद बंबई हाईकोर्ट की नागपुर पीठ में याचिका भी दायर की गई, जिसमें सरकार को सक्रिय कदम उठाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया.
जम्मू-कश्मीर की तैयारी
छत्तीसगढ़ सरकार ने एचएमपीवी की स्थिति पर नजर रखने के लिए एक तकनीकी समिति बनाई है. वहीं, ओडिशा में चिकित्सा सुविधाओं और प्रयोगशालाओं को अलर्ट पर रखा गया है. जम्मू-कश्मीर में स्वास्थ्य विभाग ने बीमारी के संभावित प्रकोप से निपटने के लिए स्पेशल आईसीयू वार्ड तैयार किए हैं. केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों और गंभीर सांस की बीमारी वालों की निगरानी बढ़ाने की सलाह दी है. साथ ही, संक्रमण के प्रसार को रोकने और जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए गए हैं. राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि सभी स्वास्थ्य सेवाएं और संसाधन तैयार रहें. विशेषज्ञों का मानना है कि सही निगरानी और जागरूकता से एचएमपीवी संक्रमण को नियंत्रित किया जा सकता है.