डांस करते तो कोई चलते-चलते! चौंकाने वाला है अचानक मौतों का आंकड़ा, NCRB रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

हर साल की तरह इस बार भी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने अपने आंकड़े जारी कर दिए हैं. इन आंकड़ों की अगर हम बात करें तो जहां दर्ज मामलों में भले ही कमी आई हो लेकिन महिलाओं के खिलाफ अपराध में कोई कमी नहीं आई है. यहां तक की अलग-अलग वजह से खुदकुशी करने वालों की संख्या में भी बढ़ोतरी देखी गई है. नई चुनौती बनकर सामने खड़ा साइबर अपराध भी बेहद तेजी से बढ़ रहा है. शायद इसीलिए देश भर के अलग-अलग हिस्सों में साइबर थाने खोले जा रहे हैं. साथ ही लोगों को साइबर अपराधों के बारे में जानकारी दी जा रही है, ताकि साइबर ठगों के जाल में फंसने से लोग खुद को बचा सकें.

एनसीआरबी ने साल 2022 में देश में हुए क्राइम का आंकड़ा जारी कर दिया है. इन आंकड़ों के मुताबिक देश में आत्महत्या, सड़क दुर्घटना और महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े हैं. इतना ही नही बात अगर बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध की करें तो इसमें भी वृद्धि दर्ज की गई है. इतना ही एनसीआरबी के अकड़ों को देखने से पता लगा की अचानक होने वाली मौत के आंकड़े भी बढ़े हैं.

अचानक हो रही है मौत
इस साल ऐसे कई वीडियो और मोबाइल क्लिप सामने आए, जिसमें कोई डांस कर रहा और अचानक से गिर जाता और उसकी मौत हो जाती है. कोई किसी प्रोग्राम शामिल है, लोगों के बीच है, अचानक भीड़ में से एक शख्स गिरता और मर जाता है. ऐसे कई वीडियो इस साल वायरल हुए. 2021 के मुकाबले 2022 में अचानक मौत की संख्या में 11.6 की बढ़ोतरी हुई है, जो बेहद चौकाने वाली है.

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 2022 में 56653 अचानक मौत हुई, जिसमें 32410 मौत दिल का दौरा पड़ने से, जबकि 24243 मौत दूसरे कारणों से हुईं. अचानक मरने वालों में सबसे अधिक मौतें 19456, 45 से 60 आयु वर्ग के लोग थे.

साइबर अपराध
साल 2022 में 65893 मामले साइबर क्राइम के देश भर में दर्ज किए गए. 2021 में देश भर में 52974 मामले साइबर अपराध से जुड़े हुए दर्ज किए गए थे. यानी एक साल में 24.4 प्रतिशत की वृद्धि. इनमें करीब 65 परसेंट मामले धोखाधड़ी के हैं. यानी 65893 मामलों में 42710 धोखाधड़ी के मामले हैं, जबकि 3648 मामले जबरन उगाही के हैं.

साइबर क्राइम से निपटने के लिए कई जगहों पर साइबर क्राइम के लिए अलग यूनिट बनाई गई है. राजधानी दिल्ली में हर जिले में अलग साइबर थाने खोले गए हैं. इसके अलावा स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट एक्सपर्ट मामलों की जांच करती है.

महिलाओं के आरोपी अपने
वहीं महिलाओं के आरोपी कोई और नहीं बल्कि अपने ही हैं. 2021 जहां महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध की संख्या 428278 थी, वो 2022 में बढ़कर 445256 पहुंच गई. ये 2021 के मुकाबले चार प्रतिशत ज्यादा है. अब इसमें अगर हम बात करें तो 31 प्रतिशत अपराध के या तो पति शामिल था या फिर उसके रिश्तेदार, जबकि 19.2 प्रतिशत मामले महिलाओं के अपहरण और उन पर होने वाले हमले के हैं, और 18.1 प्रतिशत लज्जा भंग के, जबकि बलात्कार के 7.1 मामले हैं.

खुदकुशी के मामले भी बढ़े
2021 में आत्महत्या के 164033 मामले थे, जबकि 2022 170924 यानी कि करीब 6 हजार ज्यादा लोग ने मौत को गले लगाया.

देश में दर्ज कुल मामलों में आई कमी
2022 में कुल 58,24,946 संज्ञेय अपराध दर्ज किए गए, जबकि 2021 में इसकी संख्या 60,96,310 मामले दर्ज किए गए थे. यानी करीब ढाई लाख मामले कम दर्ज किए गए.

बच्चों के खिलाफ दर्ज मामले भी बढ़े
बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध भी बढ़े हैं. 2021 में जहां 1,49,404 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं 2022 में बढ़कर ये आंकड़ा 162449 तक पहुंच गया. यानी 2021 के मुकाबले 8.7% ज्यादा मामले रिपोर्ट किए गए हैं.

निशाने पर रहे बुजुर्ग
60 साल से ज्यादा उम्र के नागरिकों के खिलाफ होने वाले अपराधों में भी 2022 में 2021 के मुकाबले 9.3 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की गई है. 2021 में जहां 26110 मामले दर्ज किए गए थे वो 2022 में बढ़कर 28545 पहुंच गए.

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