पंजाब में भगवंत मान आज सुबह साढे 10 बजे राज्यपाल से करेंगे मुलाकात, सरकार बनाने का दावा करेंगे पेश

पंजाब में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की ऐतिहासिक जीत हुई है. पार्टी के कार्यकर्ता से लेकर नेता तक जश्न में डूबे हैं. पंजाब के लोगों ने भगवंत मान को मौका दे दिया है. प्रदेश में आम आदमी पार्टी की ऐसी आंधी चली कि बड़े-बड़े सियासी दिग्गज धराशायी हो गए. अब पार्टी सरकार बनाने की तैयारी में जुट गई है. भगवंत मान प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. भगवंत मान 16 मार्च यानी बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. इसके लिए सारी तैयारियां करीब-करीब पूरी हो चुकी हैं. इससे पहले बीती शाम मोहाली में हुई विधायक दल की बैठक में भगवंत मान को नेता चुन लिया गया है. अब भगवंत मान आज सुबह साढ़े दस बजे राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. भगवंत मान शहीद भगत सिंह के गांव खटकरकलां में शपथ लेंगे.

भगवंत मान सरकार बनाने का पेश करेंगे दावा

भगवंत मान सुबह साढ़े दस बजे प्रदेश के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात करेंगे और फिर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. शपथग्रहण से पहले भगवंत मान 13 मार्च यानी रविवार को अमृतसर में श्रीहरमंदिर साहिब में मत्था टेकने जाएंगे और फिर अरविंद केजरीवाल के साथ भव्य रोड शो होगा. भगवंत मान ने गुरुवार को दिल्ली जाकर केजरीवाल और मनीष सिसोदिया शपथग्रहण का न्योता भी दे दिया था. इस मुलाकात के बाद जब भगवंत वापस मोहाली लौटे तो उन्होंने अपने विधायकों को केजरीवाल का संदेश भी दिया. उन्होंने कहा कि पंजाब में दिल्ली का गवर्नेंस मॉडल को लागू करना है. आम आदमी पार्टी की सरकार आम लोगों के बीच से ही चलेगी.

शहीद भगत सिंह के गांव खटकरकलां में शपथग्रहण

उधर, पंजाब के भावी मुख्यमंत्री भगवंत मान के शपथग्रहण के लिए नवांशहर में शहीद भगत सिंह के गांव खटकरकलां में तैयारियां भी जोरों पर हैं. शहीद भगत सिंह के गांव में भगवंत के शपथग्रहण से आम आदमी पार्टी एक तीर से दो निशाना साधने की कोशिश करेगी. पहला बीजेपी के राष्ट्रवाद को जवाब देना और दूसरा आम लोगों से जुड़े होने की छवि को देशभर में पहुंचाना. बता दें कि पंजाब में आम आदमी पार्टी ने 117 में 92 सीटों पर शानदार जीत हासिल की है. इस चुनाव के दौरान चरणजीत सिंह चन्नी से लेकर कांग्रेस के कई बड़े दिग्गजों को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रकाश सिंह बादल तक चुनाव हार गए.

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