जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में रविवार को आयोजित आरएसएस के पथ संचलन कार्यक्रम को लेकर वामपंथी छात्र संगठनों ने घोर आपत्ति जताई है. इन संगठनों ने यूनिवर्सिटी के एडमिन ब्लाक में आयोजित कार्यक्रम को लेकर वीसी पर सवाल उठाते हुए पक्षपात का आरोप लगाया. कहा कि जेएनयू आरएसएस फंडेड यूनिवर्सिटी नहीं है. आरएसएस ने विजयदशमी के उपलक्ष्य में रविवार को जेएनयू में पथ संचलन कार्यक्रम आयोजित किया था.
यह कार्यक्रम चंद्रभागा हॉस्टल के पास हुआ. इसी को लेकर बवाल मचा है. इस कार्यक्रम का विरोध करते हुए वामपंथी संगठन आइसा और एसएफआई के पदाधिकारियों ने जेएनयू वीसी को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की. कहा कि जिस प्रकार से यह कार्यक्रम आयोजित हुआ है, वीसी का पक्षपात साफ साफ नजर आता है. आइसा की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि जेएनयू कोई आरएसएस फंडेड विश्वविद्यालय नहीं है.
ऐसे में विश्वविद्यालय के एडमिन ब्लॉक में इस तरह का कार्यक्रम क्यों आयोजित होने दिया जा रहा है. जबकि पिछले दिनों यहीं पर कुछ इस तरह के कार्यक्रम हुए तो संबंधित छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई थी. आइसा के मुताबिक यूनिवर्सिटी कैंपस में बीते कई साल से छात्रों को एक जगह पर एकत्रित होने पर भी पाबंदी है. बावजूद इसके यह कार्यक्रम होने दिया गया. वहीं एसएफआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि JNU की वीसी को घेरने की कोशिश की गई.
इसमें एसएफआई ने आरोप लगाते हुए कहा कि पहले भी वह आरएसएस के साथ अपने जुड़ाव को बड़े ही गर्व के साथ बता चुकी हैं. वहीं अपनी व्यक्तिगत आस्था को JNU से जोड़ते हुए इस तरह के कार्यक्रम भी आयोजित करने की अनुमति दे रहीं है. आरोप लगाया कि संघ परिवार की कम्युनल राजनीति धीरे धीरे शैक्षिक संस्थानों में बढ़ती जा रही है. एक तरफ तो जेएनयू प्रशासन छात्रों पर भारी फाइन लगाता है, वहीं दूसरी तरफ एडमिन ब्लॉक में संघ के कार्यक्रम पर चुप्पी साधे बैठा है.