गंगा में तैरती लाशों के लिए बिछा ‘महाजाल’, यूपी और बिहार सरकार में छिड़ा कोल्ड वॉर

पटना: कोरोना महामारी की दूसरी लहर में काल के गाल में समा रहे लोगों के शवों को श्मशान में जगह नहीं मिल रही है. कुछ गरीब ऐसे हैं जो अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं जुटा पा रहे हैं. यही कारण है कि गंगा नदी में लगातार मिल रहे शवों की संख्या बढ़ती जा रही है. बीते दिनों गंगा में 50 से ज्यादा शव बरामद हुए हैं. लगातार मिल रहे शवों को लेकर अब बिहार और यूपी सरकार में शीत युद्ध छिड़ गया है.
बिहार प्रशासन का आरोप है कि शव यूपी से बहकर आ रहे हैं, वहीं यूपी सरकार इसे मानने को तैयार नहीं है. इस कड़ी में बिहार सरकार ने बक्सर में दोनों राज्यों की सीमा पर निगरानी तेज कर दी है. गंगा में बिहार प्रशासन की ओर से महाजाल बिछाया गया है जिससे कि शवों को रोका जा सके और पता चल सके कि ये कहां से आ रहे हैं. बक्सर में शवों की निगरानी के लिए टीम की तैनाती की गई है. जो हर वक्त बोट से बॉर्डर पर निगरानी दे रही है. यूपी-बिहार की सीमा पर बक्सर जिला प्रशासन मुस्तैद है. यहां एसडीओ और डीएसपी का निरीक्षण जारी है.

याद दिला दें कि बीते नौ मई को गंगा में मिले शवों को लेकर बिहार प्रशासन को आलोचना झेलनी पड़ी थी. इसके बाद बक्सर जिला प्रशासन चौकन्ना हो गया है. जिला प्रशासन बिहार-यूपी बॉर्डर पर महाजाल लगाकर शवों को बिहार जाने से रोक रहा है. रात के अंधेरे में शवों को प्रवाहित करने वालों को पकड़ा भी जा रहा है. यहां निगरानी के लिए बक्सर जिला प्रशासन ने सदर एसडीओ की देखरेख में टीम का गठन किया है. यह टीम गंगा में बहते शवों का हिसाब रखेगी.

गंगा में पेट्रोलिंग के दौरान सदर एसडीओ ने कहा पांच-छह शव जाल में फंसे हैं. ये शव कहां से आ रहे हैं, ये तो नहीं कह सकते. लेकिन पानी का प्रवाह जिधर से है उस तरफ से ही शव आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि. ”मैं अपील करता हूं कि यूपी के लोग और यहां के भी लोग शवों को जलाएं. अपने परिजनों का सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करें. जो शव हमें मिले हैं, हम उनका उचित सम्मान के साथ डिस्पोजल करेंगे.

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