ममता बनर्जी का केंद्र सरकार पर वार, “पेगासस पर खर्च कर रहे हैं, जनता पर नहीं”

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने पेगासस जासूसी कांड (Pegasus scandal) को लेकर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि नेताओं, पत्रकारों और जजों के फोन पेगासस स्पाईवेयर के जरिए ट्रैप किए गए, ये ठीक नहीं है. ये सरकार पेगासस पर पैसे खर्च कर रही है जनता पर नहीं. हमारी कोशिश देश को बचाना है.
पीएम मोदी द्वारा यूपी के वाराणसी में योगी सरकार की तारीफ करना कि कोरोना काल के दौरान योगी सरकार ने बहुत अच्छा काम किया पर ममता ने कहा कि यूपी में नदियों में डेड बॉडीज बह रही थीं और प्रधानमंत्री कहते हैं, यूपी बेस्ट स्टेट है. शर्म आनी चाहिए. ममता ने आगे कहा कि ये सरकार सेंट्रल एजेंसी का मिस यूज करती है. इस सरकार को अपने मंत्रियों पर भी विश्वास नहीं है.
पीएम जब इजरायल गए थे तब शुरू हुआ था ये मामला : कमलनाथ
वहीं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने पेगासस जासूसी मामले में केंद्र सरकार से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा सौंपने की मांग की है और कहा है कि सरकार कोर्ट में शपथ-पत्र देकर कहे कि उसने ऐसा कोई सॉफ्टवेयर नहीं खरीदा है. इसके साथ ही कमलनाथ ने कहा कि इस कांड से हमारे अधिकारों पर सबसे बड़ा हमला हुआ है. उन्होंने कहा कि यह पिछले कुछ दिनों में सामने आया है और अगले 15 दिनों में यह मामला और गरमाएगा. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पेगासस मामले का खुलासा कांग्रेस ने नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों ने किया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जुलाई 2017 में इजरायल के दौरे पर गए थे. यह जासूसी भी 2017 और 2018 में शुरू हुई. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में मोबाइल फोन कंपनियों के जरिए लाखों लोगों की निगरानी की गई है.
शशि थरूर की अगुवाई वाली समिति 28 जुलाई को करेगी चर्चा
बता दें कि पेगासस को लेकर विपक्ष लगातार हमले बोल रहा है. संसद के मॉनसून सत्र में भी कार्यवाही ठीक से नहीं हो पा रही लगातार हंगामा हो रहा है. संसद की स्थायी समिति नागरिकों के डेटा की सुरक्षा और निजता के मामले पर चर्चा करेगी.पेगासस स्पाईवेयर के जरिये सैकड़ों भारतीयों की जासूसी कराने के आरोपों का मामला गरमा गया है. आईटी मामलों की संसदीय स्थायी समिति भी 28 जुलाई की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा करेगी. इस समिति की अगुवाई कांग्रेस सांसद शशि थरूर कर रहे हैं. एक बयान में कहा गया है कि संसदीय समिति नागरिकों के डेटा सुरक्षा और प्राइवेसी के मामले पर चर्चा करेगी.

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