अयोध्या के श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अयोध्या पहुंचेंगे. पीएम मोदी रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मुख्य यजमान हैं. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कई क्रिकेटर्स, बिजनेसमैन, संतों, मशहूर बॉलीवुड हस्तियों और विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है. इसके साथ ही देश के सभी मंदिरों में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का लाइव प्रसारण किया जा रहा है.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का कहना है कि अयोध्या में रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह सोमवार सुबह 10 बजे भव्य मंगल ध्वनि के साथ शुरू होगा. देश के विभिन्न राज्यों से आए 50 से अधिक मनमोहक वाद्ययंत्र लगभग दो घंटे तक मनमोहक धुनें बजाएंगे.
22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का दुर्लभ संयोग
22 जनवरी, सोमवार को पौष मास के शुक्ल पक्ष की कूर्म द्वादशी तिथि है. कूर्म द्वादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है. विष्णु पुराण में कहा गया है कि इसी तिथि कूर्म द्वादशी के दिन भगवान विष्णु ने कूर्म यानी कछुए का रूप धारण किया था और समुद्र मंथन में सहायता की थी. कछुए का रूप स्थिरता का प्रतीक है. कूर्म द्वादशी के दिन राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा करना बहुत शुभ माना जाता है. इसकी प्रसिद्धि युगों-युगों तक बनी रहेगी. इसी तरह रामलला की स्थापना मृगशिरा या मृगशीर्ष नक्षत्र में की जा रही है. इस शुभ घड़ी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी
मंदिर परिसर में VVIP को इस समय तक करना होगा प्रवेश
प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने वाले अतिथियों को सुबह 10:30 बजे तक रामजन्मभूमि परिसर में प्रवेश करना होगा. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में केवल आमंत्रण पत्र के दिखा कर ही हिस्सा लिया जा सकता है. इस दौरान मेहमानों को दिए गए आमंत्रण पत्र लगे क्यूआर कोड का मिलान करने के बाद प्रवेश की अनुमति दी जाएगी.
सोमवार को दोपहर 12.20 बजे रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह शुरू होगा. रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की मुख्य पूजा अभिजीत मुहूर्त में होगी. रामलला के जीवन काल का निर्धारण काशी के विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने किया है. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पोष मास के बारहवें दिन (22 जनवरी 2024) अभिजीत मुहूर्त, मेष लग्न, इंद्र योग, वृश्चिक नवांश और मृगशिरा नक्षत्र में हो रहा है.
84 सेकंड है प्राण प्रतिष्ठा का शुभ समय
रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का शुभ समय 12 बजकर 29 मिनट 08 सेकेंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकेंड तक रहेगा. प्राण प्रतिष्ठा का शुभ समय केवल 84 सेकंड का होगा. यह प्राण प्रतिष्ठा समारोह काशी के प्रसिद्ध वैदिक आचार्य गणेश्वर द्रविड़ और आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के निर्देशन में 121 वैदिक आचार्यों द्वारा किया जाएगा. 150 से अधिक पारंपरिक संत और धार्मिक पंडितों और 50 से अधिक आदिवासी, तटीय निवासी, द्वीपवासी, आदिवासी और आदिवासी भी उपस्थित रहेंगे.
प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी का संबोधन
प्राण प्रतिष्ठा का पूरा कार्यक्रम दोपहर 1 बजे तक पूरा हो जाएगा. सभी पूजा अनुष्ठान समाप्त होने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संघ प्रमुख मोहन भागवत लोगों को संबोंधित करेंगे. इस मौके पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास भी अपना भाषण देंगे.
पीएम मोदी चार घंटे तक रहेंगे अयोध्या में
पीएम मोदी का सोमवार को चार घंटे तक अयोध्या में रहने का कार्यक्रम है. सुबह 10:25 बजे अयोध्या एयरपोर्ट और 10:55 बजे राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के बाद वह दोपहर 1 बजे संबोधन करेंगे. कुबेर टीला के दर्शन के बाद दोपहर 2:10 बजे दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे.
5 लाख दीपों से जगमगाएगी राम की पैड़ी
प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद अयोध्या में ‘राम ज्योति’ जलाकर दिवाली जैसा जश्न मनाया जाएगा. अयोध्या में सरयू नदी के तट पर राम की पैड़ी में 5 लाख दीपक जलाने की योजना है. इसके साथ ही दुकानों, दर्शनीय स्थलों, घरों और पौराणिक स्थानों पर ‘राम ज्योति’ जलाई जाएगी. अयोध्या में सरयू नदी का तट मिट्टी के दीयों से जगमगाएगा. रामलला, हनुमानगढ़ी, गुप्तारघाट, सरयू तट, कनक भवन, लता मंगेशकर चौक, मणिराम दास कैंप समेत 100 मंदिरों, प्रमुख चौराहों और सार्वजनिक स्थानों पर दीपक जलाए जाएंगे.
मंदिर में दर्शन का समय
प्राण प्रतिष्णा के बाद श्रीराम मंदिर अगले दिन यानी 23 जनवरी से भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा. मंदिर में रामलला के दर्शन सुबह 7 बजे से 11:30 बजे तक और दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक हो सकेंगे.
मंदिर में आरती का समय
प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर के द्वार भक्तों के लिए आरती समारोह में भाग लेने के लिए खुलेंगे. मंदिर में तीन अलग-अलग प्रकार की आरती की जाएगी और उपस्थिति के लिए मुफ्त पास दिए जाएंगे. प्रत्येक आरती की क्षमता सीमित होगी, जिससे केवल तीस लोग ही आध्यात्मिक अनुभव में भाग ले सकेंगे. प्रतिदिन तीन आरती सुबह 6.30 बजे, दोपहर 12.00 बजे और शाम 7.30 बजे की जाएंगी. आरती विधि के लिए पास जरूरी है.
सुबह 6.30 बजे- श्रृंगार आरती
दोपहर 12.00 बजे – भोग आरती
7.30 बजे – संध्या आरती