मीराबाई चानू ने रचा इतिहास वेटलिफ्टिंग में दिलाया रजत पदक

तोक्यो: Tokyo Olympic 2020: तोक्यो ओलिंपिक से बड़ी खबर आ रही है और आज मीरबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग के 49 किग्रा भार वर्ग में भारत को रजत पदक दिलाकर करोड़ों भारतीय खेल प्रशंसकों को खुशियों की बारिश में तर कर दिया है. इस भारतीय महिला वेटलिफ्टर से महाकुंभ शुरू होने से पहले ही रजत नहीं, बल्कि स्वर्ण पदक की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन अब उन्होंने दुनिया भर में भारतीय महिला की ताकत का एहसास कराते हुए खुद का नाम भारतीय खेल इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिख दिया है.मीराबाई चानू ने स्नैच वर्ग में 87 किग्रा और क्लीन एंड जर्क कैटेगिरी में 115 किलो का वजन उठाया. उन्होंने कुल 202 किग्रा वजन उठाकर रजत पदक अपने नाम किया. इससे पहले कर्णम मल्लेश्वरी ने सिडनी ओलंपिक 2000 में देश को भारोत्तोलन में कांस्य पदक दिलाया था. चीन की होऊ झिऊई ने कुल 210 किग्रा (स्नैच में 94 किग्रा, क्लीन एवं जर्क में 116 किग्रा) से स्वर्ण पदक अपने नाम किया. इंडोनेशिया की ऐसाह विंडी कांटिका ने कुल 194 किग्रा का वजन उठाकर कांस्य पदक हासिल किया. बता दें कि साल 2000 में कर्णम मल्लेश्वरी के बाद ओलिंपिक में वेटलिफ्टिंग में पदक जीतने वाली सिर्फ दूसरी वेटलिफ्टर बन गयी हैं. साल 2016 में रियो ओलिंपिक में मीराबाई क्लींन एंड जर्क में एक भी भार नहीं उठा पायी थीं, लेकिन हालिया सालों में जमकर मेहनत करते हुए इस वेटलिफ्टर ने अपने साथ-साथ करोड़ों भारतीयों के सपने को भी साकार कर दिया. वहीं, 10 मी. एयर पिस्टल वर्ग के फाइनल में पहुंचे युवा शूटर सौरभ चौधरी स्वर्ण की लड़ाई में चूक गए और वह आठ में से सातवें नंबर पर रहे. सौरभ ने 137.4 का स्कोर किया इससे पहले युवा निशानेबाज सौरभ चौधरी ने 10 मी. एयर पिस्टल प्रतिस्पर्धा के फाइनल में जगह बना ली है.सौरभ चौधरी ने क्वालीफाइंग राउंड में 586 प्वाइंट्स के साथ शीर्ष पायदान हासिल की, जबकि एक और शूटर अभिषेक 575 प्वाइंट्स के साथ 17वें नंबर पर रहे. आखिरी राउंड में बहुत ही ज्यादा खराब प्रदर्शन उनके पिछड़ने का कारण बना. इसी कारण अभिषेक फाइनल के क्वालीफाई नहीं कर सके, लेकिन भारतीय फैंस के लिए सौरभ का फाइनल में पहुंचना उन्हें एक बड़ी उम्मीद दे गया. सौरभ से पहले शनिवार सुबह तीरंदाजी टीम स्पर्धा में शनिवार को शानदार शुरूआत की जब दीपिका कुमारी और प्रवीण जाधव की जोड़ी सेमीफाइनल में जगह बनाने में नाकाम रही. कोरियाई टीम ने वापसी करते हुए भारतीय जोड़ी को क्वार्टरफाइनल में एकतरफा साबित हुए मुकाबले में 6-2 से मात दी. इससे पहले इन दोनों ने चीनी ताइपै को हराकर मिश्रित युगल वर्ग के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया. वहीं, टेबल टेनिस स्पर्धा में पदक जीतने की भारत की उम्मीदों पर शनिवार को पानी फिर गया जब अचंत शरत कमल और मनिका बत्रा मिश्रित युगल वर्ग के अंतिम 16 में हार गए. भारतीय जोड़ी को तीसरी वरीयता प्राप्त चीनी ताइपै के लिन युन जू और चेंग आई चिंग ने 11-8, 11-6, 11-5, 11-4 से हराया. पहले दो गेम में 5 . 1 और 5 . 3 से बढ़त बनाने के बाद भारतीय जोड़ी लय कायम नहीं रख सकीं.प्रतिस्पर्धा में 36 निशानेबाजों में से आठ ने फाइनल में प्रवेश किया. भारत के अभिषेक वर्मा अच्छे प्रयासों के बावजूद फाइनल में प्रवेश से चूक गए और 17वें स्थान पर रहे. आखिरी सीरिज में दो बार आठ स्कोर करने का उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ा. पिछले तीन साल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आठ स्वर्ण जीत चुके चौधरी ने जबर्दस्त प्रदर्शन करके छह सीरिज में 586 स्कोर किया. चीन के झांग बोवेन दूसरे और जर्मनी के क्रिस्टियन रीत्ज तीसरे स्थान पर रहे. वर्मा का स्कोर 575 रहा ।
पहली बार ओलंपिक खेल रहे ‘वंडर ब्वॉय’ चौधरी ने चौथी सीरिज में परफेक्ट 100 स्कोर किया । इसके बाद लगातार 98 का स्कोर करके आठ निशानेबाजों में पहला स्थान पाया. एशियाई खेलों और युवा ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता चौधरी ने परफेक्ट 10 स्कोर किया लेकिन पहली सीरिज के दूसरे हिस्से में लय कायम नहीं रख सके. फिर 19वें स्थान से शीर्ष आठ में पहुंचे और परफेक्ट 100 स्कोर किया. बेहद अनुभवी विश्व और ओलंपिक चैम्पियनों के बीच वह बाजी मारने में कामयाब रहे. कोरियाई दिग्गज और चार बार के चैम्पियन जिन जिन जोंगोह भी फाइनल में जगह नहीं बना सके.बहरहाल,तीरदांजी की बात करें, तो क्वार्टरफाइनल में कोरिया के हाथों हारने से पहले दीपिका पहला सेट एक अंक से गंवाने के बाद भारतीय टीम 1 . 3 से पिछड़ रही थी और उसे हर हालत में तीसरा सेट जीतना था. पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साथ खेल रहे जाधव और दीपिका ने कोई गलती नहीं की. उन्होंने लिन चिया एन और तांग चिन चुन के खिलाफ यह मुकाबला 5-3 से जीता ।

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