राहुल के वार पर मोदी के पलटवार, पढ़ें अविश्वास प्रस्ताव पर 3 दिन चली बहस का पूरा सार

कांग्रेस की अगुवाई में मोदी सरकार के खिलाफ लोकसभा में विपक्ष द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव फेल हो गया. 3 दिन में करीब 20 घंटे की चर्चा के बाद इस प्रस्ताव पर वोटिंग की नौबत ही नहीं आई और ध्वनिमत से ही प्रस्ताव गिर गया. मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग की थी, जब ऐसा नहीं हुआ तो विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 2 घंटे के भाषण में विपक्ष पर हमला बोला, तो तीन दिनों की चर्चा में विपक्षी नेताओं के वार भी देखने को मिले. तीन दिन चली इस चर्चा में क्या खास रहा, किसने बाजी मारी और कौन जुबानी तीर छोड़ता नज़र आया, समझिए…

मोदी ने गिन-गिनकर विपक्ष को कोसा
अविश्वास प्रस्ताव पर हुई बहस का अंत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के साथ हुआ. करीब सवा दो घंटे के भाषण में पीएम मोदी ने एक-एक कर विपक्ष पर निशाना साधा, कांग्रेस की पुरानी सरकारें हो या यूपीए का कार्यकाल, विपक्ष का इंडिया गठबंधन हो या फिर गांधी परिवार पीएम मोदी ने किसी को नहीं बख्शा. प्रधानमंत्री ने मणिपुर पर भी अपनी बात कही और कहा कि वह हमारे जिगर का टुकड़ा है और यहां शांति का सूरज जल्द ही उगेगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि मणिपुर पर गृह मंत्री ने विस्तार से बात की, उन्होंने चर्चा का भी प्रस्ताव भी रखा लेकिन विपक्ष इसपर झूठ फैलाए हुए था.

पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के राज में नॉर्थ ईस्ट के साथ सौतेला व्यवहार किया गया, जिसके नतीजे देखने को मिल रहे हैं. मणिपुर हिंसा पर पीएम ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद पक्ष-विपक्ष में जो चीजें हुईं, उसके बाद हिंसा का दौर शुरू हुआ. इस दौरान महिलाओं के खिलाफ अपराध भी बढ़े हैं, जो निंदनीय हैं. लेकिन मणिपुर को मैं भरोसा दिलाता हूं कि देश आपके साथ है और जल्द ही यहां पर शांति स्थापित भी की जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में राहुल गांधी पर भी तंज कसा और कहा कि कुछ लोगों को बार-बार लॉन्च करने की कोशिश की जाती है, उन्हीं नेताओं ने भारत माता की मुत्यु की कामना की.

चर्चा में रही राहुल की स्पीच, जमकर हुआ बवाल
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की इस सत्र में सदन में वापसी हुई, 2 साल की सजा पर लगी रोक के बाद राहुल गांधी वापस आ पाए. तब कांग्रेस की ओर से अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत के लिए राहुल गांधी का ही नाम दिया गया, लेकिन ऐन मौके पर गौरव गोगोई ने इसकी शुरुआत की. हर किसी को राहुल गांधी की स्पीच का इंतजार था, उन्होंने चर्चा के दूसरे दिन अपनी बात कही और मणिपुर के मसले पर जमकर निशाना साधा.

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार देश में कैरोसिन छिड़कने का काम कर रही है, मणिपुर के हालात बिगड़ रहे हैं और क्यों अभी तक पीएम मोदी ने मणिपुर का दौरा नहीं किया है. राहुल गांधी ने भारत माता, प्रधानमंत्री मोदी और सरकार को लेकर कई ऐसे शब्द भी कहे जिन्हें बाद में सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया. करीब 30 मिनट के भाषण में राहुल गांधी ने शुरुआत में अपनी भारत जोड़ो यात्रा की बात की और उसके बाद मणिपुर को लेकर सरकार पर हमलावर रहे.

शाह-स्मृति-ओवैसी-गोगोई सदन में जमकर हुए वार-पलटवार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के अलावा इस अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा में सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर कई बड़े नेताओं ने बहस की. गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी दो घंटे की स्पीच में मणिपुर को लेकर विस्तार से बात की, अमित शाह ने दावा किया कि केंद्र की ओर से लगातार शांति स्थापित करने की कोशिशें की जा रही हैं. उन्होंने बताया कि मैतइ और नागा-कुकी समुदाय में पहले से ही विवाद चल रहा था, आरक्षण को लेकर जो बहस थी उसमें हाईकोर्ट के फैसले के बाद तनाव अधिक बढ़ गया. 3 मई के बाद ही ये हिंसा का दौर शुरू हुआ, उन्होंने दावा किया कि इससे पहले 6 साल के बीजेपी कार्यकाल में एक भी दिन कर्फ्यू नहीं लगा था.

अमित शाह के अलावा स्मृति ईरानी ने बीजेपी की ओर से कांग्रेस पर निशाना साधा, उन्होंने राहुल गांधी पर आरोप भी लगाया. स्मृति ने राहुल पर सदन में फ्लाइंग किस करने का आरोप लगाया, जिसके बाद कई महिला सांसदों ने लोकसभा स्पीकर को चिट्ठी लिखी और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर फैसला लेने की अपील की. सत्ता पक्ष से इतर विपक्ष से भी सदन में इस बहस के दौरान तीखे वार हुए, इस पूरी बहस की शुरुआत कांग्रेस के गौरव गोगोई ने की थी.

गौरव गोगोई ने अपने भाषण में साफ शब्दों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और अजित डोभाल पर निशाना साधा था. गौरव गोगोई ने पीएम मोदी से सवाल किए थे कि आखिर प्रधानमंत्री क्यों मणिपुर नहीं जा रहे हैं, क्यों पीएम मोदी मणिपुर के सीएम को बर्खास्त नहीं कर रहे हैं और क्यों इस बात को नहीं मान रहे हैं कि उनका गृह मंत्रालय पूरी तरह से फेल हुआ है. AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने 8 मिनट के भाषण में मोदी सरकार पर देश में नफरत फैलाने का आरोप लगाया, साथ ही नूंह हिंसा से लेकर मणिपुर के बवाल पर सफाई मांगी.

संसद के मॉनसून सत्र में 3 दिन चली इस बहस में दर्जनों सांसदों ने अपनी बात कही, मणिपुर के विवाद के कारण विपक्ष इससे पहले हंगामा कर रहा था और सदन नहीं चल पा रहा था. लेकिन अविश्वास प्रस्ताव की वजह से यहां सदन में चर्चा हुई. प्रधानमंत्री ने विपक्ष को 2028 में फिर अविश्वास प्रस्ताव लाने को कहा, तो वहीं विपक्ष ने पीएम मोदी को मणिपुर पर एक्शन लेने की नसीहत दी. संसद में हुए तमाम बवाल के बीच सरकार अपने कई बिल पास कराने में भी सफल रही.

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