मुंबई क्राइम ब्रांच ने सेक्स टूरिज्म रैकेट का पर्दाफ़ाश करते हुए ,दो महिलाओं को किया गिरफ़्तार

Mumbai News: मुंबई क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे गिरोह का पर्दा फाश किया है जो महिलाओं को देह व्यापार में काम करने को मजबूर करता था. इसके लिए ग्राहकों के साथ उन्हें घूमने भारत के अलग-अलग हिस्सों में भेजा जाता था. जहां दोनों एक कपल बनकर जाते थे. क्राइम ब्रांच की यूनिट को जानकारी मिली थी कि साल 2020 में वैश्या व्यवसाय में गिरफ़्तार एक महिला अपने पार्टनर के साथ मिलकर इसी क्राइम को (वैश्या व्यवसाय को) दूसरी तरह से अंजाम दे रही है. जिसके बाद मुंबई एयरपोर्ट पर क्राइम ब्रांच की टीम ने ट्रैप लगाकर दो महिलाओं को गिरफ़्तार कर लिया और दो महिलाओं को जिन्हें इस व्यवसाय में ढकेला जा रहा था उन्हें रेस्क्यू कर शेल्टर होम भेज दिया गया है.

क्या था इनका काम करने का ढंग

ये रैकेट ग्राहकों को ढूंढा करते और अगर उन्हें कोई ग्राहक मिल जाता और डील फाइनल हो जाती है तो ये लोग महिलाओं के साथ उन्हें भारत के अलग-अलग टुरिस्ट जगहों में से एक जगह पर भेजते थे. जिसमें से गोवा इनकी पसंदीदा जगह थी. ये लोग ग्राहकों को पहले तो लड़कियों के फ़ोटो भेजा करते थे. लड़की पसंद करने के बाद ग्राहकों को गोवा या दूसरी जगह की फ़्लाइट की टिकट खुद ही बुक करनी होती थी. यह गिरोह ग्राहकों से 2 दिन के लिए 50 हज़ार रुपए लेते थे जो की एक्सक्लुसिवली सेक्स के लिए होता था. गिरफ़्तार आरोपी उन लड़कियों से 20 प्रतिशत कमीशन लेती थी. इसके बाद ग्राहक अपनी पसंदीदा लड़की को लेकर दो दिन के लिए गोवा जाता था और फिर दोनों मुंबई वापस आते थे.

कैसे पकड़े गए?

क्राइम ब्रांच ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ़्तार किया जिसमें से एक का नाम आबरुन अमजद खान उर्फ़ सारा है तो दूसरी का नाम वर्षा दयालाल है. क्राइम ब्रांच के मुताबिक़ उन्हें जब इस बात की जानकारी मिली तो इन लोगों ने एक फ़र्ज़ी ग्राहक को तैयार किया. जिसने इन महिलाओं को सम्पर्क किया और उनका विश्वास जितने के बाद लड़कियों की मांग की.

जिसके बाद इसने गोवा के लिए फ़्लाइट की टिकट भी बुक किया और जैसे ही दोनों आरोपी दो महिलाओं को लेकर एयरपोर्ट पहुंची वैसे ही, पीएसआई स्वप्निल काले और उनकी टीम ने तीन महिलाओं को रोक लिया और पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया.

दो लड़कियों का किया गया रेस्क्यू

पूछताछ के बाद पता चला इनकी चौथी साथी बोर्डिंग पास ले चुकी है. जिसके बाद पीआई एम श्रीधनकर और पीआई प्रिया थोरात सीआईएसएफ़ की मदद से उस महिला को एयरपोर्ट से बाहर निकाला और हिरासत में लिया गया. पूछताछ के दौरान उसने सब कबुल कर लिया और बताया कि मुंबई में पुलिस की छापेमारी ज़्यादा बढ़ गई थी. इस वजह से लड़कियों को काम करने में डर लगता था. इसी वजह से गोवा और दूसरे टुरिस्ट जगहों पर घूमने के लिए भेजा जाता था ताकि किसी को शक ना हो.

पुलिस ने इस मामले में एक 19 साल और एक 25 साल की लड़कियों को रेस्क्यू किया है और उन्हें शेल्टर होम भेजा दिया है. इस मामले में पुलिस ने आईपीसी की धारा 370(2)(3) और पिटा की धारा 4,5 तहत मामला दर्ज किया है.

Related posts

Leave a Comment