पाक PM ‘गीदड़’… अब 1971 से बड़ा सरेंडर! सड़कों पर बगावत, -मुनीर पर आफत

हथियार डालने का जो रिकॉर्ड पाकिस्तानी सेना ने 1971 में बनाया है वो रिकॉर्ड ध्वस्त कर पाक फोर्स 2025 में नया रिकॉर्ड कायम कर लेगी. एक तरफ हिंदुस्तान और दूसरी तरफ बलूचिस्तान के बीच पाकिस्तानी आर्मी घिर चुकी है जिसमें बलूच लड़ाकों ने पाकिस्तानी सेना के काफिले पर हमला किया. इस हमले में पाक सेना के 12 जवानों की मौत हो गई और इस हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट ने ली है. यही वजह है कि, भारत के खिलाफ साजिश रचने वाले, और जहर उगलने वाले पाकिस्तानी आवाम और असेंबली मेंबर्स के टारगेट पर आ गए हैं.

श्रीगंगानगर तक ड्रोन का झुंड पहुंचा लेकिन…
जम्मू को टारगेट बनाकर पाकिस्तानी सेना ने राजौरी में स्वार्म ड्रोन से हमला किया. ऐसे ही हमले पठानकोट में भी किए गए जिन्हें नाकाम किया गया लेकिन ये हमले यहीं तक नहीं रुके पंजाब के जालंधर को टारगेट किया गया. राजस्थान के जैसलमेर को भी ड्रोन से दहलाने की कोशिश हुई और श्रीगंगानगर तक ड्रोन का झुंड पहुंचा लेकिन नाकामी पाकिस्तान की किस्मत में लिखी है. इसलिए भारत को दहलाने की साजिश फिर नाकाम साबित हुई. इस हमले ने पाकिस्तानी सेना की बेइज्जती न सिर्फ दुनिया में की, बल्कि भारत के खिलाफ अपनी ताकत का प्रदर्शन करके घरेलू मोर्चे पर भी विद्रोहियों को मौका दे दिया.

दरअसल पाकिस्तान की तरफ से 8 मई की रात को बड़े हमले की कोशिश की गई थी. इसमें जम्मू को कुछ सेक्टर पंजाब-राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्र पठानकोट, उधमपुर, अखनूर, जैसलमेर, जालंधर, फिरोजपुर, पोखरण समेत कई शहरों को ड्रोन और मिसाइल से निशाना बनाने की कोशिश हुई है लेकिन ये हमले नाकाम कर दिए गए. इसके लिए भारत ने L-70 गन का इस्तेमाल किया. इनके अलावा Zu-23 MM एंटी एयरक्राफ्ट गन और शिल्का सिस्टम का इस इस्तेमाल किया गया. वहीं सबसे अहम भूमिका निभाई इंटीग्रेटेड काउंटर अनमैन्ड एरियल सिस्टम्स ग्रिड यानी ICUG ने, जिसने पाकिस्तानी ड्रोन ध्वस्त कर दिए.

भारत की तैयारी का स्तर बहुत ऊंचा है
दरअसल पाकिस्तान की तरफ से किए गए इन हमलों का मकसद था भारत के एयर डिफेंस सिस्टम की टोह लेना. इसलिए एक साथ सैकड़ों की संख्या में ड्रोन के जरिए घुसपैठ की कोशिश हुई. जिसका जवाब मिलते ही पाकिस्तानी हुक्मरानों के सामने एक विकल्प बचा. ये विकल्प है सरेंडर. साफ है कि भारत की तैयारी का स्तर बहुत ऊंचा है. इसलिए सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाले भारतीय भी खुद को सुरक्षित मान रहे हैं.

बुरी तरह बेइज्जत पाकिस्तानी फोर्स LoC और IB पर नागरिकों को निशाना बना रही है और ये बौखलाहट बता रही है कि, जल्द ही पाकिस्तानी हुकूमत और आर्मी घुटनों पर आने वाली है. जिसका प्रमाण 4 क्षेत्रों में खुला मोर्चा है, जहां शहबाज और मुनीर के खिलाफ आवाम सड़कों पर है. अपनी ही सरकार और सेना के खिलाफ बगावत पर उतारू हो चुकी है. क्षेत्रीय आजादी की मांग पर सेना के खिलाफ सशस्त्र मोर्चा खोल दिया है. अंदरूनी क्षेत्रों में भी पाकिस्तानी सेना पर घातक हमले किए जा रहे हैं.

सरेंडर के अलावा कोई विकल्प नहीं
इसलिए आसिम मुनीर और शहबाज़ शरीफ पर इतना ज्यादा दबाव बन गया है कि, अब उनके सामने सरेंडर के अलावा कोई दूसरा रास्ता नजर नहीं आ रहा है. पाकिस्तान की तरफ से जल्द सरेंडर होने की पुष्टि करते हैं वहां के हालात. जिनमें सबसे बड़ी भूमिका बलूचिस्तान की होगी. जिसकी आजादी के लिए सशस्त्र विद्रोह जारी है. ऐसे ही खैबर पख्तूनख्वा पर भी संकट मंडरा रहा है. जहां भी विद्रोहियों ने पाकिस्तानी आर्मी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इतना ही नहीं सिंध और पंजाब में स्थिति और भी ज्यादा गंभीर होती जा रही है यहां सड़कों पर विद्रोह जारी है.

गिलगित-बाल्टिस्तान में पाकिस्तान के खिलाफ विद्रोह
इससे भी ज्यादा अहम क्षेत्र है गिलगित-बाल्टिस्तान जहां कब्जे के बाद से पाकिस्तान के खिलाफ विद्रोह जारी है, जो भारत के खिलाफ एक्शन से और ज्यादा भड़क गया है. पाकिस्तान में इस समय दहशत का माहौल है. भारत के हमले का डर पहले ही सता रहा है और दूसरी तरफ घरेलू मोर्चे पर पाकिस्तानी सेना को कई क्षेत्रों से बेदखल किया जा रहा है. इस मोर्चे पर एक तरफ बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी है दूसरी तरफ तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान है तो तीसरी तरफ जय सिंध मुत्ताहिदा महाज़ ने विद्रोह शुरू कर दिया है.सबसे अहम बात ये है कि भारत के खिलाफ मोर्चा खोलकर पाकिस्तान ने अपने अंदरूनी बागी संगठनों को आक्रामक होने का मौका दिया है. जो बताता है कि पाकिस्तानी हुकूमत और सेना हर मोर्चे पर घिर चुकी है और नाकामी उनका भविष्य बन गई है.

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