Pegasus scandal: मोदी सरकार बेडरूम की बातें भी सुन रही है, कांग्रेस का आरोप

नई दिल्ली: Pegasus Scandal: पेगासस जासूसी विवाद पर कांग्रेस ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मीडिया को संबोधि‍त करते हुए कहा कि मोदी सरकार क़ानून और संविधान की हत्या कर रही है. मोदी सरकार ने देशद्रोह किया है, राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ किया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार बेडरूम की बातें भी सुन रही है. सुरजेवाला ने कहा, ‘राहुल गांधी समेत कई नेताओं और पत्रकारों की जासूसी करायी गई है. बीजेपी का नाम भारतीय जासूस पार्टी कर देना चाहिए. रिपोर्ट्स कह रही हैं कि सुरक्षा महकमों के भी प्रमुखों की जासूसी की गई है.’
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, गृहमंत्री अमित शाह को इस्तीफ़ा देना चाहिए और प्रधानमंत्री की भूमिका की जांच होनी चाहिये. हम इसे पूरे मुद्दे को संसद में उठाएंगे.’ वहीं, अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘पीएम मोदी डिजिटल इंडिया की बात करते हैं पर ये सर्विलांस इंडिया है. सभी विपक्षी पार्टी एक साथ इसके खिलाफ आवाज संसद में बुलंद करेंगे.’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने टि्वटर पर लिखा है, ‘पेगासस के जरिए जासूसी से जुड़े खुलासे बहुत ही घिनौनी कारगुजारियों की तरफ इशारा करते हैं. अगर ये सच है, तो मोदी सरकार संविधान द्वारा देशवासियों को दिए गए निजता के अधिकार पर गंभीर और खतरनाक हमला कर रही है. इससे लोकतंत्र तो नष्ट होगा ही, ये देशवासियों के निजता के अधिकार को कई स्तर पर नुकसान पहुंचाएगा.’
बता दें, रविवार को न्यूज वेबसाइट ‘द वायर’ समेत कई मीडिया संस्थानों की एक पड़ताल में सामने आया है कि Pegasus स्पाइवेयर का इस्तेमाल करके एक अज्ञात एजेंसी ने भारतीय पत्रकारों और नेताओं समेत कई लोगों को अपना निशाना बनाया है. सोमवार को सामने आया है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर, टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और दूसरे केंद्रीय मंत्री प्रह्ललाद पटेल का नाम भी उस हैकिंग लिस्ट में शामिल था.
रिपोर्ट के मुताबिक, लीक हुए डेटा में 300 भारतीय मोबाइल नंबर शामिल हैं, जिन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले 2018-2019 के बीच निशाना बनाया गया था. हालांकि, इस मामले पर सरकार की ओर से भी सफाई आई थी. सरकार ने हैकिंग में शामिल होने से इनकार करते हुए कहा, ‘विशेष लोगों पर सरकारी निगरानी के आरोपों का कोई ठोस आधार या इससे जुड़ी सच्चाई नहीं है.’

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