2024 के लिए पीएम मोदी सावधान, INDIA गठबंधन को अब तक नहीं मिला समाधान

राजनीति के लिए आज का दिन यानी सोमवार सुपर सोमवार से कम नहीं रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां जयपुर और भोपाल में अपने कार्यकर्ताओं के साथ दिखे, वहीं राहुल गांधी छत्तीसगढ़ में थे. बिहार के सीएम नीतीश कुमार पटना में संघ के चिंतक दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के मौके पर राजकीय समारोह में मौजूद थे. INDIA में आने को बेकरार INLD की बैठक हरियाणा के कैथल में थी जहां इंडिया गठबंधन का कोई बड़ा नेता नहीं पहुंचा.

इस पूरे घटनाक्रम के बीच बड़ी बात हुई. पीएम मोदी ने आज 5 राज्यों के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव प्रचार की टोन सेट कर दी. उन्होंने बीजेपी के लिए वोट मांगते हुए INDIA को अपनी पार्टी के प्रचार की शोरील दिखा दी. प्रधानमंत्री मोदी आज मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में थे जहां वो जनआशीर्वाद यात्रा के तहत 10,643 किमी और 210 विधानसभा सीटों को कवर कर वापस आए पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे.

एमपी में वापसी का फॉर्मूला
इस दौरान पीएम मोदी ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को वो फॉर्मूला भी दिया जिससे शिवराज सरकार की वापसी हो सके. इसके बाद पीएम जयपुर पहुंचे और वहां एक बार फिर वादों और इरादों की गारंटी की झड़ी लगा दी. भोपाल में पीएम मोदी ने कांग्रेस सहित INDIA गठबंधन पर कई तीखे हमले किए. उनके भाषण के कीवर्ड थे महिला आरक्षण, गरीबी, महिला वोट में फूट, गारंटी की गारंटी मोदी, एंटी इनकम्बेंसी, सनातन, अर्बन नक्सल, G20, संसद भवन से जलन, बूथ मैनेजमेंट, प्रजातंत्र, परिवारतंत्र, कांग्रेस जंग लगा लोहा, चांदी का चम्मच और घमंडिया.

तो एक तरफ पीएम मोदी 5 राज्यों और अगले साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर बूथ लेवल पर कार्यकर्ताओं को मुद्दे समझा रहे हैं और चुनाव जीतने का मंत्र दे रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन INDIA अभी आपसी सहमति की रूपरेखा पर काम कर रहा है.

एक ओर जहां मोदी चुनावी मिशन में लगकर ताबड़तोड़ चुनावी रैलियां कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी अपने ही राज्य राजस्थान में दोबारा जीत को लेकर आश्वस्त नहीं हैं और तो और पीएम मोदी के चुनावी मिशन के बीच INDIA सैटल्ड नहीं है. जैसे ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी INLD INDIA में आने को करीब करीब तैयार है लेकिन स्वागत करने वाला कोई नहीं है.

INDIA भला कैसे बढ़ेगा जब कैथल में होने वाली INLD के कार्यक्रम INDIA का कोई बड़ा नेता नहीं पहुंचा. नीतीश कुमार दीन दयाल जयंती में मौजूद रहे लेकिन INLD के कार्यक्रम से दूर रहे. राहुल गांधी कैथल सभा में INLD के स्वागत के बजाय छत्तीसगढ़ में सरकार की योजनाएं गिना रहे. इतना ही नहीं हरियाणा को अखाड़ा मानने वाली आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने भी कैथल सभा से दूरी बनाई. मतलब जहां एक तरफ पीएम मोदी का विजन क्लियर है और 2024 के लिए मोदी सावधान हैं तो वहीं दूसरी तरफ अभी इंडिया के पास क्या समाधान है, कुछ क्लियर नहीं है.

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