Bharat Jodo Yatra खत्म कर दिल्ली वापस लौटे राहुल गांधी, दीदार को उमड़े लोग

Rahul Gandhi Reached Home: भारत जोड़ो यात्रा का 30 जनवरी 2023 को समापन होने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी मंगलवार को दिल्ली स्थित अपने आवास पर लौट आए हैं। राहुल गांधी के दिल्ली पहुंचने पर पार्टी के नेता, कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया। आवास पर पहुंचने पर राहुल गांधी को देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ी। इस बीच संसद का बजट सत्र भी शुरू हो गया है। हालांकि उड़ान में देरी की वजह से राहुल गांधी संसद के बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान उपस्थित नहीं हो सके। लंबी पदयात्रा करके दिल्ली लौटे राहुल गांधी के बुधवार को बजट पेश होने के दौरान संसद में मौजूद रहने की उम्मीद है।

146 दिन की यात्रा में राहुल गांधी ने 75 जिलों को कवर किया
राहुल गांधी पिछले साल 7 सितंबर को कन्याकुमारी से जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर तक के लिए अपनी भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी। उनकी यात्रा पांच महीने बाद महात्मा गांधी की पुण्य तिथि पर 30 जनवरी को पूरी हुई। 146 दिन की इस यात्रा में राहुल गांधी 12 राज्यों के 75 जिलों से गुजरते हुए करीब चार हजार किमी से ज्यादा की दूरी तय की।

कांग्रेस नेता ने खीर भवानी मंदिर और हजरत बल दरगार में प्रार्थना भी की
इससे पहले राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर के गांदेरबल जिले में मंगलवार को प्रसिद्ध खीर भवानी मंदिर में दर्शन किए। कांग्रेस नेता हजरत बल दरगाह भी गए और प्रार्थना की। यात्रा के समापन पर राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी वाड्रा ने जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में बर्फबारी का जमकर लुत्फ उठाया और इस दौरान दोनों बहन-भाई के बीच ‘शीन जंग’ हुई। कश्मीरी में बर्फ को ‘शीन’ कहते हैं और खेलते हुए एक-दूसरे पर बर्फ फेंकने को ‘शीन जंग’ कहते हैं। यात्रा के अंतिम दिन सोमवार को घाटी में जमकर बर्फबारी भी हुई थी। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस के अन्य नेता भी थे।
यात्रा का समापन करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कश्मीर में कहा, ”हमारे परिवार की कश्मीरियत ने संगम से गंगा-जमुनी तहजीब फैलाई। मेरा परिवार कश्मीर से गंगा की तरफ गया था। इलाहाबाद में संगम के किनारे हमारा घर है। मैं जब यहां आ रहा था तो लग रहा था कि मैं अपने घर आ रहा हूं। हमारे परिवार के लोगों ने कश्मीरियत को गंगा में मिलाया था। उत्तर प्रदेश में उस भावना का प्रसार किया जिसे गंगा-जमुनी तहजीब कहा जाता है।” इसके साथ उन्होंने कहा कि उनकी यह सोच उन्हें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख ने सिखाई थी। जहां हिंदू धर्म, इस्लाम और बौद्ध धर्म – सबकी विचारधारा बसती है।

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