फरीदाबाद– सेफ सिटी अभियान के तहत पुलिस आयुक्त श्री राकेश कुमार आर्य के निर्देश अनुसार एसीपी वूमेन सेफ्टी मोनिका की अध्यक्षता में पुलिस लाइन सेक्टर 30 डीएवी स्कूल में महिला व पुरुष पुलिस कर्मियों को रेड डॉट फाउंडेशन समूह के साथ मिलकर आजकल समाज में हो रहे क्राइम के संबंध में जेंडर सेंसिटिविटी, घरेलू हिंसा, डिजिटल हरासमेंट , सेक्सुअल हरासमेंट,प्रौद्योगिकी, संचार, डेटा और बाल सुरक्षा के संबंध में जानकारी दी है। डर सेंसिटिविटी,यौन उत्पीड़न, यौन उत्पीड़न, पोर्नोग्राफी, यौन दुर्व्यवहार,घरेलू हिंसा, डिजिटल हरासमेंट , सेक्सुअल हरासमेंट और बाल सुरक्षा के संबंध में दी जानकारी
रेड डॉट फाउंडेशन समाज में हो रहे साइलेंस महिला विरुद्ध अपराध जैसे घूरना, सिटी मारना और छोटी वारदात का डाटा ऑनलाइन रखती है। सेफसिटी अभियान के तहत मुख्य सिपाही महिला व पुरुष समाज में हो रहे क्राइम जेंडर सेंसिटिविटी, घरेलू हिंसा,यौन उत्पीड़न, यौन उत्पीड़न, पोर्नोग्राफी और यौन दुर्व्यवहार, डिजिटल हरासमेंट , सेक्सुअल हरासमेंट और बाल सुरक्षा के संबंध जांच करते हैं। उनको एसीपी वूमेन के द्वारा जांच में आने वाले समस्याओं को बताते हुए पीड़ित को किस तरह से न्याय दिलाया जाए बताया गया है। इस संबंध में रेड डॉट फाउंडेशन के द्वारा एक डाटा भी पेश किया गया था। जिसकी संबंध में बताया गया कि हमें इस तरह की समस्याओं से किस तरह निपटा जाए। डेटा का स्थानीय स्तर पर रुझानों को इंगित करने वाले मानचित्र पर हॉट स्पॉट के रूप में एकत्र किया जाता है। आम जनता में आने वाले विचार को डेटा के माध्यम से व्यक्तियों, स्थानीय समुदायों और स्थानीय प्रशासन के लिए उपयोगी बनाया जाए ताकि उन कारकों की पहचान की जा सके जो व्यवहार का कारण बनते हैं जो हिंसा की ओर ले जाते हैं और समाधान के लिए रणनीतियों पर काम करते हैं।
रेड डॉट फाउंडेशन ने 2012 से अबतक पूरे भारत, केन्या, नेपाल और अन्य देशों से 50,000 से अधिक रिपोर्ट एकत्र की हैं। जिसमें महिला विरुद्ध अपराध जिनको महिलाओं द्वारा रेड डॉट फाउंडेशन की एप्लीकेशन पर अपलोड किया है।