मोदी के कार्यकाल में रुपया गिरा, योगी ने मुंबई से उड़ाए 5 लाख करोड़! सामना में सरकार पर हमला

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पांच ट्रिलियन डॉलर्स अर्थव्यवस्था का सपना लेकर मुंबई में आए. मुंबई निवासी बड़े उद्योगपतियों को उत्तर प्रदेश आने का निमंत्रण दिया. योगी ने मुंबई में मुकेश अंबानी, कुमार मंगलम बिरला जैसे बड़े उद्यमियों से मुलाकात की. प्रधानमंत्री के पांच ट्रिलियन डॉलर्स की अर्थव्यवस्था का सपना पूरा करने के लिए मुंबई के उद्योगपति योगदान दें, ऐसा उन्होंने आह्वान किया. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मुंबई आकर उद्यमियों से चर्चा कर रहे थे.

यहां के निवेशकों को लखनऊ आने का निमंत्रण दे रहे थे, तब हमारे मुख्यमंत्री नासिक के खरपतवार-कचरा जुटाकर ठाकरे की शिवसेना तोड़ने का ताव दिखा रहे थे और उस कूड़ा-करकट के सामने दंड बैठक कर भाषण दे रहे थे. उत्तर प्रदेश-बिहार के शासक मुंबई आकर निवेश की लूट कर रहे हैं और मुख्यमंत्री शिवसेना तोड़ने के काम में रमे हुए हैं.

योगी मुबंई से UP में ले जा रहे निवेश
इंसान को उसकी औकात से ऊपर का पद मिल जाए तो ऐसा ही होता है. योगी मुंबई से उत्तर प्रदेश में निवेश ले जा रहे हैं और मुख्यमंत्री शिंदे, फडणवीस व उनका कुनबा अगले महीने निवेश लाने जर्मनी के दावोस में बर्फ खेलने, बर्फ उड़ाने जानेवाले हैं. योगी ने यहां के उद्योगपतियों से कहा, ‘उत्तर प्रदेश में आप और आपका निवेश सुरक्षित रहेगा, इसकी गारंटी देता हूं.’

मोदी के कार्यकाल में रुपया गिरा
महाराष्ट्र सरकार को इस बात को गंभीरता से लेना चाहिए. महाराष्ट्र से पिछले पांच महीने में वेदांता-फॉक्सकॉन, ड्रग्ज पार्क, एयर बस जैसी परियोजनाएं बाहर चली गईं. वर्तमान सरकार पर भरोसा न होने के कारण यह हुआ. योगी उत्तर प्रदेश में फिल्मसिटी परियोजना पर जोर दे रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी द्वारा देश के सामने रखे गए पांच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य की पूर्ति के लिए देश के प्रमुख राज्यों में प्रतियोगिता चल रही है, लेकिन मैच फिक्सिंग करके केवल गुजरात को आगे बढ़ाने की नीति स्पष्ट दिखाई दे रही है और यह देश के लिए घातक है. आज डॉलर की तुलना में रुपए का अवमूल्यन 82.50 हो गया है. यह हमारी मजबूत अर्थव्यवस्था का लक्षण नहीं है. मोदी के कार्यकाल में रुपया गिरा है और उठने को ही तैयार नहीं है. 2021-22 के आर्थिक विकास दर का आंकड़ा सामने आया है.

विकास दर में सबसे पीछे महाराष्ट्र
वित्त मंत्रालय ने सभी राज्यों को स्टेट्स ग्रोथ रेट रिपोर्ट भेजी. उसमें कई राज्यों की खुली-नंगी स्थिति सामने आई. पहले पांच में एक भी भाजपा शासित राज्य नहीं हैं और महाराष्ट्र तो पहले 15 में भी शामिल नहीं है. कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान 11.04 प्रतिशत उत्तम आर्थिक दर बनाए हुए है. पहले स्थान पर आंध्र प्रदेश है. उसकी विकास दर 11.43 फीसदी है. हिंदुस्थान की विकास दर 8.7 प्रतिशत है और उससे ज्यादा राजस्थान ने रिकॉर्ड विकास दर को छुआ है. त्रिपुरा, सिक्किम, मेघालय, झारखंड, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य इस मामले में आगे हैं. मुंबई में अवतरित हुए उत्तर प्रदेश की विकास दर 4.24 ही है. इन सबसे पीछे महाराष्ट्र है, ऐसा केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आंकड़े व रिकॉर्ड बता रहे हैं.

CM योगी ने मुंबई से उड़ाए 5 लाख करोड़!
जिस महाराष्ट्र की विकास दर गिरी है, उस महाराष्ट्र की राजधानी में आकर योगी महाराज तकरीबन 5 लाख करोड़ का निवेश अपने उत्तर प्रदेश में ले गए, ऐसी घोषणा उन्होंने ही की है. यह निवेश महाराष्ट्र में ही रहे, यहां उद्योग फले-फूले इसके लिए शिंदे-फडणवीस क्या कर रहे थे? महाराष्ट्र की बड़ी उद्योग परियोजनाएं गुजरात जाने के बीच अब मिंधे सरकार की कार्यालयीन लेट-लतीफी के कारण केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना से महाराष्ट्र के लिए स्वीकृत किए गए लगभग 1 लाख 16 हजार 955 घर भी दूसरे राज्य में जाने की संभावनाओं की खबरें हैं. जरूरतमंदों के इन घरों को राज्य सरकार ने समय पर मंजूरी नहीं दी, जिसके चलते यह विफलता का समय आ रहा है. इन घरों के बारे में 27 दिसंबर को केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को एक पत्र भेजकर इस घरकुल को मंजूरी देने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया था.

महाराष्ट्र को बनाया जा रहा कंगाल
घरकुलों को समय सीमा से पहले स्वीकृति न देने पर इन घरों को अन्य राज्यों में डायवर्ट करने की चेतावनी केंद्र सरकार ने दी थी. उसके बाद मिंधे सरकार की नींद टूटी और घरों की मंजूरी के लिए केंद्र से 6 जनवरी तक का समय मांगा गया. यह डेडलाइन भी आज खत्म हो गई. निर्धारित कालावधि में केवल मंजूरी के अभाव में लंबित ये घर भी उद्योगों की तरह दूसरे राज्यों में चले जाएंगे तो बेरोजगारों की तरह बेघर गरीबों की भी हाय इस सरकार को लगेगी. गुजरात लगभग दो-ढाई लाख करोड़ रुपए का निवेश ले गया. अब योगी महाराज 5 लाख करोड़ ले गए.

हमारे शासनकर्ता क्षुद्र राजनीति में लोट रहे
मुंबई को लूटकर महाराष्ट्र को कंगाल किया जा रहा है और हमारे शासनकर्ता क्षुद्र राजनीति में लोट रहे हैं. इस पर हूं या चूं करने को भी तैयार नहीं हैं. मुख्यमंत्री ने अपने परम मित्र अजय आशर की अध्यक्षता में महाराष्ट्र के औद्योगिक विकास के लिए ‘मैत्री’ नामक संस्था खड़ी की. उस ‘मैत्री’ ने ये निवेश वैसे बाहर जाने दिया? या फिर पांच लाख करोड़ के पीछे टक्केवारी का ‘समृद्धि’ हिसाब हुआ. खासकर, सरकार का जो कुनबा दावोस में बर्फ उड़ाने जानेवाला है, उस कुनबे में इन अजय आशर का भी समावेश है. मुंबई का निवेश दूसरे लोग भगा रहे हैं और हमारी सरकार विदेशी निवेश के लिए दावोस जाएगी.

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