केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को यमुना पुनरुद्धार प्रयासों को लेकर एक अहम बैठक की. उन्होंने यमुना की सफाई, दिल्ली में पीने के पानी और सीवेज व्यवस्था पर एक होलिस्टिक एप्रोच के साथ कार्य करने के निर्देश दिए. गृह मंत्री ने कहा कि यमुना हमारे लिए सिर्फ एक नदी नहीं बल्कि आस्था का प्रतीक भी है. इसकी स्वच्छता मोदी सरकार की प्राथमिकता है. बैठक में निर्णय लिया गया कि जल शक्ति मंत्रालय सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STPs) के लिए एक SOP बनाए, जो उनकी गुणवत्ता, रख-रखाव और डिस्चार्ज के मानदंड स्थापित करें. इसके साथ ही SOP अन्य सभी राज्यों के साथ भी साझा की जाए. शाह ने कहा कि दिल्ली में यमुना, पीने के पानी और ड्रेनेज को लेकर हम आज जो भी योजना बनाएं वह अगले 20 सालों को ध्यान में रखकर बने.
सरकार यमुना को स्वच्छ बनाने के लिए प्रतिबद्ध- CM
गृह मंत्रालय में हुई बैठक में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और संबंधित योजनाओं से जुड़े कई अधिकारी भी शामिल हुए. बैठक के बाद पत्रकारों से मुखातिब सीएम गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण यमुना को उसके उद्गम स्थल से लेकर अंतिम बिंदु तक स्वच्छ बनाना है. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘केंद्र और दिल्ली सरकार यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’ बैठक में यमुना की सफाई में दिल्ली जल बोर्ड की महत्वपूर्ण भूमिका, इसका सुदृढ़ीकरण आवश्यक, दिल्ली जल बोर्ड में खाली पदों को तत्काल भरने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही दिल्ली में जल आपूर्ति के लिए जल बोर्ड पाइपलाइनों में लीकेज को रोकने के साथ जल वितरण संरचना को और सुदृढ़ बनाए जाने पर जोर दिया गया है
.हम लक्ष्य की ओर कदम दर कदम आगे बढ़ रहे हैं- CM
सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि बैठक में जल शक्ति मंत्रालय और दिल्ली सरकार के अधिकारी मौजूद थे. हम स्वच्छ यमुना के लक्ष्य की ओर कदम दर कदम आगे बढ़ रहे हैं. आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में वजीराबाद और ओखला के बीच यमुना का 22 किलोमीटर लंबा हिस्सा, जो नदी की कुल लंबाई का दो फीसदी से भी कम है, इसमें 80 प्रतिशत प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है.