एनयू में फिर गूंजे आजादी के नारे, ABVP की सद्भावना यात्रा के बाद JNUSU ने निकाला ह्यूमन चेन मार्च

जेएनयू में एकबार फिर परंपरागत तरीके से आजादी के नारे गूंजे. रामनवमी वाले दिन हुई मारपीट के बाद सोमवार को ABVP ने सद्भावना यात्रा निकाली थी उसी के जवाब स्वरूप जेएनयू एसयू ने ह्यूमन चेन मार्च निकाला. इसमें शामिल हुए छात्र ने कहा कि ब्राह्मणवादी तरीका हावी करने की कोशिश हो रही है. छात्रों की कॉलेज वीसी से मांग है कि एक इंडिपिंडेंट इन्क्वायरी से सारा दूध का दूध और पानी का पानी हो.

जेएनयू में लेफ्ट और ABVP के छात्रों के बीच मारपीट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. आज JNU SU ने ह्यूमन चेन मार्च निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया. इसमें शामिल हुए छात्र ने कहा कि देश में किसी भी तरह का फूड फासिज्म नहीं बर्दाश्त किया जाएगा. अगर एक विशेष कल्चर को हमलोगों पर हावी करने की कोशिश होगी तो समाजवादी लोग लड़ते रहेंगे.

उन्होंने कहा कि कैंपस का माहौल बिगाड़कर, शिक्षा का माहौल बिगाड़कर हमपर ब्राह्मणवादी तरीका हावी करने की कोशिश की जा रही है. जिससे पिछड़े, बहुजन, अल्पसंख्यक लोग शिक्षा ना लें पाए. हम इसका पूरा विरोध करेंगे. उस दिन एबीवीपी के गुंडों ने दलितों, पिछड़ों छात्रों को दौड़ाकर पीटा है. इस मार्च में शामिल जेएनयू की पूर्व उपाध्यक्ष सारिका चौधरी ने कहा कि हमने वीसी से मांग की है कि एक इडिपेंडंट इन्क्वायरी शुरू की जाए. ताकि ये जो एबीवीपी फॉल्स नैरेटिव कर रहा है वो खत्म हो जाए.

संस्कृति पर हमला

उन्होंने आगे कहा कि ये पूरा डिबेट कहीं से भी पूजा और इफ्तार का नहीं है. ये सिर्फ खाने के राइट के बारे में हैं. बीजेपी और आरएसएस यही कहती है कि इनकी संस्कृति पर हमला हो रहा है. हमला हम नहीं वो करते हैं. यहां सिर्फ इंडिया के नहीं बहुत सारे देशों को स्टूडेंट्स पढ़ते हैं. जिसको जो खाना है वो खाने दिया जाए जिस तरह उनकी गुंडागर्दी कर रहे, वो जो बोलेगा वहीं कैंपस खाएगा हम ये नहीं मान सकते.

जो भी अपनी बात रखना चाहता है उसको आजादी है. डिबेट का कल्चर हमेशा से था, मारपीट का कल्चर इनकी सरकार आने के बाद आया. उस दिन वार्डन ने मेस सेक्रेटरी को बोला कि हम कल के लिए सिर्फ वेज बनाते हैं. सेक्रेटरी ने कहा कि आप खुद खड़े होकर कीजिए या एक नोटिस निकाल दीजिए, सेक्रेटरी क्यूं इसकी जिम्मेदारी ले. जब ये चीज नहीं होती है तो एबीवीपी आके झगड़ा करता है. ये ह्यूमन चेन सिर्फ राइट टू फूड के लिए बनायी गयी है. हमारा अधिकार है कि हम किस तरह कपड़ा पहनेंगे. क्या खाएंगे.

खुद पत्थरबाजी करके उल्टा सिक्यूरिटी मांग रहें

मार्च में शामिल हुए एनएसयूआई के मसूद ने कहा कि परसों जो हिंसा हुई है, ये लोग खुद पत्थरबाजी करके उल्टा सिक्यूरिटी मांग रहें. हमारी मांग है कि एक निष्पक्ष जांच हो जो भी हिंसा के आरोपी हों उनपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए. मसूद ने आगे कहा कि इस ह्यूमन चेन में एबीवीपी को छोड़कर सारे छात्र शामिल हैं. ये एबीवीपी की गुंडा गर्दी ,हिंसा ,धार्मिक उन्माद के खिलाफ है. जेएनयू के छात्र एकबद्ध होकर एबीवीपी और भाजपा के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद करने का काम कर रहा है.

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