श्रीलंका की संसद ने की पाकिस्तान में श्रीलंकाई नागरिक की हत्या किये जाने की निंदा, कहा- पीड़ित को मिलना चाहिए न्याय

Sri Lankan Citizen Lynching: श्रीलंका की संसद और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने पाकिस्तान में श्रीलंकाई नागरिक की पीट-पीट कर हत्या किए जाने की घटना की शनिवार को निंदा की और उम्मीद जतायी कि वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान पीड़ित को न्याय दिलाने के लिये दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने का वादा पूरा करेंगे और शेष श्रीलंकाई प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे.

शुक्रवार को एक निर्मम घटना में कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी के समर्थकों द्वारा प्रियंता कुमारा दियावदाना की पीट-पीटकर हत्या के बाद उनके शव को जला दिया गया था. इन लोगों ने ईशनिंदा के आरोपों को लेकर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक कपड़ा कारखाने पर हमला किया था. श्रीलंका के कैंडी निवासी दियावदाना ईसाई थे और लाहौर से करीब 100 किलोमीटर दूर सियालकोट जिले में कपड़ा कारखाने में महाप्रबंधक के तौर पर कार्यरत थे.

उग्र भीड़ द्वारा हत्या किये जाने से पहले शूट किए गए वीडियो फुटेज में एक सहकर्मी को कारखाने की छत पर पीड़ित को बचाने की कोशिश करते हुए देखा जा रहा है , जहां वह भाग कर चले गये थे, जबकि लगभग दो दर्जन लोगों की भीड़ धीरे-धीरे बढ़ती गई. ‘द डॉन’ अखबार ने अपनी खबर में कहा है कि वीडियो में, भीड़ में से कुछ लोगों को ‘‘वह (प्रबंधक) आज नहीं बचेंगे’’ कहते हुए सुना जा सकता है, जबकि सहयोगी ने अपने शरीर के साथ दियावदाना को बचाने की कोशिश की.

बाद में भीड़ सहकर्मी पर भारी पड़ी और उन्होंने दियावदाना को घसीटकर सड़क पर खींच लिया तथा उन्हें लात-घूसों, पत्थरों और लोहे की छड़ों से मारा, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. इसके बाद भीड़ ने शव को आग के हवाले कर दिया. श्रीलंकाई सरकार और विपक्ष ने एकजुट होकर श्रीलंकाई अधिकारियों से पाकिस्तान में श्रीलंका के बाकी कामगारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस्लामाबाद के साथ बातचीत करने का आग्रह किया.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को ट्वीट किया, ‘‘सियालकोट में प्रियंता दियावदाना की हत्या पर श्रीलंका के लोगों को हमारे देश के गुस्से और शर्म से अवगत कराने के लिए आज संयुक्त अरब अमीरात में श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे से बात की। मैंने उन्हें बताया कि 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उन्हें आश्वासन दिया कि उन पर पूरी गंभीरता से मुकदमा चलाया जाएगा.”

इससे पहले श्रीलंका के प्रधानमंत्री राजपक्षे ने ट्वीट किया, “पाकिस्तान में चरमपंथी भीड़ द्वारा प्रियंता दियावदाना पर क्रूर और घातक हमले को देखकर स्तब्ध हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरा दिल उनकी पत्नी और परिवार के लिए बैठा जा रहा है। श्रीलंका और यहां के नागरिकों को विश्वास है कि प्रधानमंत्री इमरान खान सभी दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर अमल करेंगे.’’ खान की प्रतिक्रिया श्रीलंकाई प्रधानमंत्री के ट्वीट के बाद आयी.

इससे पहले शुक्रवार को खान ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘सियालकोट में एक कारखाने पर भयावह हमला और श्रीलंकाई प्रबंधक को जिंदा जलाया जाना पाकिस्तान के लिए शर्म का दिन है. मैं जांच की निगरानी कर रहा हूं और कोई गलती नहीं होगी, सभी दोषियों को कानून की पूरी गंभीरता से दंडित किया जाएगा. गिरफ्तारियां जारी हैं.’’ पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने ट्वीट किया, ‘‘सियालकोट की घटना निश्चित रूप से बहुत दुखद और शर्मनाक है, और किसी भी तरह से धार्मिक नहीं है. इस्लाम एक ऐसा धर्म है, जिसने मॉब लिंचिंग के बजाय विचारशील न्याय की मिसालें स्थापित की हैं.’’

प्रधानमंत्री इमरान खान ने की लिंचिंग की निंदा

श्रीलंका के शिक्षा मंत्री दिनेश गुणावर्धने ने संसद को बताया, ‘‘हमें खुशी है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस क्रूर कृत्य की कड़ी निंदा की है.’’ पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने श्रीलंकाई नागरिक की पीट-पीट कर की गयी हत्या को ‘दुखद घटना’ एवं देश के लिये शर्म की बात करार दिया. लाहौर में संवाददाता सम्मेलन में कुरैशी ने शनिवार को कहा, ‘‘घटना की उच्च स्तरीय निगरानी की जा रही है. प्रधानमंत्री इमरान खान मामले की जांच को देख रहे हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम श्रीलंका के संपर्क में हैं, उनके उच्चायुक्त को पल-पल की जानकारी दे रहे हैं और मै यह साझा करना चाहता हूं कि उन्होंने पाकिस्तान के कदम और त्वरिक्त कार्रवाई की सराहना की है. ” कुरैशी ने कहा, ‘‘यह एक ऐसी घटना है, जिससे सभी को पीड़ा हुयी है … लेकिन उन्हें लगता है कि हम इसके लिए एक वर्ग या पूरे देश को दोष नहीं दे सकते.’’

घटना के लिये जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में खड़ा करेगा

उन्होंने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान घटना के लिये जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में खड़ा करेगा. संसद को बताया गया कि दियावदाना कैंडी के पेराडेनिया विश्वविद्यालय से स्नातक थे. उनकी हत्या तहरीक-ए-लब्बैक पकिस्तान के समर्थकों ने कथित तौर पर की है. यह एक चरमपंथी इस्लामी पार्टी है, जिस पर अतीत में प्रतिबंध लग चुका है.

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