हरियाणा में अचानक आये नए बिजली बिल नियमों के बचाव में बिजली विभाग का आया बेतुका जवाब!!

हरियाणा बिजली विनियामक आयोग (एच.ई.आर.सी.) के निर्देशानुसार सभी सक्रिय बिजली उपभोक्ताओं को वित्तीय वर्ष में दो औसत बिलिंग चक्र के बराबर अग्रिम सुरक्षा राशि रखना अनिवार्य है। इसके तहत दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के लिए यह अनिवार्य है कि वह सभी सक्रिय बिजली उपभोक्ताओं की उनके पिछले वित्तीय वर्ष की औसत बिलिंग के आधार पर उनके द्वारा जमा की गई अग्रिम खपत जमा (ए.सी.डी.) की समीक्षा करे और इसे सुनिश्चित करे।

यह जानकारी देते हुए दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबन्ध निदेशक डॉ. बलकार सिंह ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में कोविड महामारी के प्रकोप के कारण दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा बिजली उपभोक्ताओं की अग्रिम खपत जमा की समीक्षा स्थगित कर दी गई थी। जिसे हरियाणा बिजली विनियामक आयोग (एच.ई.आर.सी.) के निर्देशों के अनुसार 24 मार्च, 2021 से प्रभावी बनाया गया है। एच.ई.आर.सी. के मानदंडो को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त समीक्षा राशि को उपभोक्ता के खाते में दो किस्तों में चार्ज या वापिस किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा उपभोक्ताओं को एस.एम.एस. के माध्यम से भी इस सूचना से अवगत करवाया जा रहा है। इस सम्बन्ध में हाल ही में यह देखा गया है कि कुछ उपभोक्ताओं को स्पॉट बिल और ऑनलाइन उपलब्ध बिल में दिखाई गई अलग-अलग राशि के कारण अपने ऊर्जा बिलों का भुगतान करने में कठिनाई का सामना पड़ा है। यह इस तथ्य के कारण हुआ कि ऐसे उपभोक्ताओं की बिलिंग प्रक्रिया 24 मार्च, 2021 से पहले आई.टी. प्रणाली में चल रही थी यानि ए.सी.डी. समीक्षा प्रक्रिया शुरू होने से पहले की स्थिति थी।

प्रबन्ध निदेशक ने बताया कि दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम अपने उपभोक्ताओं को आश्वस्त करता कि 24 मार्च, 2021 के बाद शुरू किए गए सभी बिलिंग बाइंडरों में ऐसी कोई बिलिंग विसंगति नहीं होगी। उपभोक्ताओं से भी निवेदन है कि अपने बिजली बिलों का समय पर भुगतान करके दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम का सहयोग करें। इस सम्बन्ध में अधिकतम जानकारी के लिए उपभोक्ता अपने निकटमत बिजली कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं।

Related posts

Leave a Comment