फिल्म एक्टर मिथुन चक्रवर्ती पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के दौरान बीजेपी में शामिल हुए थे. अब लोकसभा चुनाव 2024 में उनके लड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं. शुक्रवार को कोलकाता में पत्रकारों के लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल का जवाब दिया. इसके अलावा आरएसएस पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी टिप्पणी के मद्देनजर उन्होंने उस संगठन के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आरएसएस एक सकारात्मक शक्ति है.
क्या मिथुन चक्रवर्ती को आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे? इस सवाल जवाब में मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि वह देने वाले हैं, लेने वाले नहीं. उन्होंने बताया कि वह उम्मीदवार नहीं हो रहे हैं. उन्होंने दोहराया कि उन्होंने पहले उम्मीदवार बनने के प्रस्तावों को ठुकरा दिया था. उन्होंने यह भी कहा कि वह एक उम्मीदवार के तौर पर किसी केंद्र से बंध कर नहीं रहना चाहते हैं.
एक मार्च से मिथुन शुरू करेंगे चुनाव प्रचार
उन्होंने कहा, ”अगर आप उम्मीदवार हैं तो आपको अपनी जगह पर ज्यादा ध्यान देना होगा. बड़े ऑफर थे, लेकिन मैं देने वाला हूं, लेने वाला नहीं.” इसके अलावा मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि वह 1 मार्च से चुनाव प्रचार शुरू करेंगे. उन्होंने कहा, ”मैं एक मार्च से प्रचार करूंगा. मैं अंत तक रहूंगा.”
संदेशखाली घटना के पीछे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आरएसएस का समर्थन की बात पर उन्होंने कहा कि आरएसएस को एक सकारात्मक शक्ति है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेकर मिथुन चक्रवर्ती ने कहा, ”आरएसएस कोई नकारात्मक ताकत नहीं है. सकारात्मक शक्ति. पूरे भारत में, पूरी दुनिया में. 12 करोड़ से ज्यादा सदस्य हैं. इसके जैसा कोई दूसरा संगठन नहीं है, जिसने देश के लिए इतना कुछ किया हो.
संदेशखाली में महिलाओं पर अत्याचार की निंदा की
संदेशखाली में तृणमूल नेताओं द्वारा आम महिलाओं के उत्पीड़न के आरोपों का जिक्र करते हुए मिथुन चक्रवर्ती ने कहा, अगर महिलाओं के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है, तो इससे अधिक घृणित कुछ नहीं हो सकता. इससे बुरा कुछ नहीं है. यह राजनीति से परे है. माताओं और बहनों के लिए सम्मान की बात है.
पिछले कुछ दिनों में लगातार विपक्ष को संदेशखाली जाने से रोका जा रहा है. यहां तक कि बीजेपी की केंद्रीय जांच टीम भी वहां प्रवेश नहीं कर सकी. विपक्ष को अंदर न आने देने को लेकर मिथुन चक्रवर्ती कहते हैं, ”अगर आप इसे नहीं रोकेंगे तो कोई रास्ता नहीं है. अगर रोका नहीं गया तो सच और भी बड़ा सामने आएगा. सच इतना बड़ा सामने आएगा कि वह उसे संभाल नहीं पाएगा. इसलिए दमन जारी रहेगा. लेकिन इस ‘विरोध की आवाज बंद नहीं होनी चाहिए.’