मिलेट्स से छोटे किसानों को बड़ा फायदा, पीएम मोदी ने गिनाए इसके फायदे

देश में मोटे अनाज यानी मिलेट्स का प्रोत्साहन देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई. इस कांफ्रेंस का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. इसमें केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर समेत कई देशों के विदेश मंत्री शामिल हुए. इस मौके पर पीएम मोदी ने मिलेट्स डाक टिकट और मिलेट्स स्मृति चिन्ह के रूप में 75 रुपए के सिक्के का भी अनावरण किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि देश के करीब 2.5 करोड़ छोटे किसान मिलेट्स के पैदावार से सीधे सीधे जुड़े हैं.

पीएम मोदी ने कहा, ”मिलेट्स के प्रचार प्रसार से और इसके खानपान में वृद्धि से देश के मार्जिन लाइव या छोटे किसानों को सीधे फायदा होगा. देश के करीब 9 राज्यों में मोटे अनाजों की खेती खास तौर पर होती है और इसकी खेती समाज के हाशिए पर खड़े लोगों खासकर आदिवासी द्वारा की जाती है. उनकी पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने साल 2023 को इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर के तौर पर मान्यता देकर विश्व के 72 देशों को फायदा दिया है.”

पीएम मोदी ने आगे कहा, ”मिलेट्स का ग्रोथ रेट 30% से ज्यादा है. साथ ही 19 जिलों में वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट के तहत इसकी शुरुआत की गई है. देश के करीब 500 स्टार्टअप मोटे अनाज के पैदावार से लेकर इसकी सप्लाई चेन और इसके प्रमोशन के लिए काम शुरू कर चुके हैं. कुछ साल पहले तक जहां मिलेट्स की खपत 2 से 3 किलो प्रति परिवार प्रतिमाह थी, अब वो बढ़कर 14 किलो प्रति परिवार हो रही है.” उन्होंने कहा कि मोटे अनाज का पैदावार और देश में इसकी सप्लाई चैन बनाना सबसे अहम है.

पीएम मोदी ने कहा, ”श्रीअन्न मानव और मिट्टी दोनों की सुरक्षा करता है. साथ ही ये फूड सिक्योरिटी और फूड हैबिट दोनों के लिए जरूरी पहल है. यानी श्री का मतलब समस्या से मुक्ति है.” उन्होंने कहा, ”माटा अनाज जहां एक तरफ हमारे शरीर के पोषण के लिए बेहतरीन हैं, वही इनके स्वाद भी उतने ही अच्छे हैं. इनमें हाई फाइबर और हाई न्यूट्रीशनल वैल्यू होने से इसका प्रसार पूरे विश्व समुदाय के लिए अच्छा कदम होगा. साथ ही श्री अन्न से लाइफस्टाइल संबंधित बीमारियों में कमी आएगी.”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मोटे अनाज यानी श्री अन्न को बढ़ावा देने के लिए सरकार और उनके अधिकारियों को हर साल के लिए एक टारगेट तय करना होगा और इसके साथ ही इसके पैदावार और मार्केटिंग के बढ़ावा के लिए कंपनियों को भी जोड़ना होगा. पीएम मोदी ने कहा कि मोटे अनाज को देश में पीडीएस सिस्टम से जोड़ना इसके लिए एक अहम कड़ी हो सकता है. साथ ही उन्होंने कहा कि मिड-डे-मील से भी इसको जोड़कर इसकी उपयोगिता और इसकी अहमियत को बढ़ाया जा सकता है.

एक नजर इससे जुड़े तथ्यों पर
डीजीसीआईएस के आंकड़ों के मुताबिक साल 2021-22 में भारत से मिलेट्स के निर्यात में 8.02% की वृद्धि हुई है. कुल निर्यात 159332 टन का हुआ, जबकि इससे पिछले साल 147501 टन का निर्यात हुआ था.
भारत मुख्य रूप से संयुक्त अरब अमीरात, नेपाल, सऊदी अरब, लीबिया, ओमान, मिस्र, ट्यूनीशिया, यमन, इंग्लैंड और अमेरिका को मिलेट्स का निर्यात करता है. यहां से निर्यात होने वाले मिलेट्स में मुख्य रूप से बाजरा, रागी, कैनरी, ज्वार और बकव्हीट शामिल हैं.
दुनिया में मिलेट्स का आयात करने वाले प्रमुख देशों में इंडोनेशिया, बेल्जियम, जापान, जर्मनी, मेक्सिको, इटली, अमेरिका, इंग्लैंड, ब्राज़ील और नीदरलैंड हैं.
भारत में मुख्य रूप से 16 तरह के मिलेट्स का उत्पादन और निर्यात किया जाता है. यह हैं ज्वार, बाजरा, रागी, कांगनी, चीना, कोदो, सावा/सनवा/ झंगोरा, कुटकी, कुट्टू, चौलाई और ब्राउन टॉप.
एपीडा ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए आईआईएमआर के साथ एक एमओयू पर भी दस्तखत किया है. उसने आहार फूड फेयर में 5 से 15 रुपये तक कीमत वाले तरह-तरह के मिलेट्स प्रोडक्ट भी लॉन्च किए.
सरकारी आंकड़े बताते हैं कि भारत 170 लाख टन मोटे अनाजों का उत्पादन करता है जो कि एशिया का 80 फीसदी और पूरी दुनिया का 20 फीसदी है. अगर मोटे अनाजों की पैदावार की बात करें तो दुनिया में यह 1229 किलो प्रति हेक्टेयर है, जबकि भारत में इसकी मात्रा 1239 किलो प्रति हेक्टेयर है. यानी वैश्विक स्तर से अधिक मोटे अनाजों की पैदावार भारत में ली जाती है.

भारत में मोटे अनाजों की पैदावार
भारत विश्व में मोटे अनाजों के अग्रणी उत्पादकों में एक है और वैश्विक उत्पादों में भारत का अनुमानित हिस्सा लगभग 41 प्रतिशत है. एफएओ के अनुसार साल 2020 में मोटे अनाजों का विश्व उत्पादन 30.464 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) हुआ और भारत का हिस्सा 12.49 एमएमटी था, जो कुल मोटा अनाज उत्पादन का 41 प्रतिशत है. पीआईबी एक आंकड़े के मुताबिक, भारत ने 2021-22 में मोटा अनाज उत्पादन में 27 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जबकि इससे पहले के वर्ष में यह उत्पादन 15.92 एमएमटी था.

भारत के शीर्ष पांच मोटा अनाज उत्पादक राज्य हैं राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और मध्य प्रदेश. मोटा अनाज निर्यात का हिस्सा कुल उत्पादन का एक प्रतिशत है. भारत के मोटे अनाज के निर्यात में मुख्य रूप से संपूर्ण अनाज है और मोटे अनाजों के प्रोसेस किए उत्पादों का निर्यात बहुत कम है. लेकिन अनुमान है कि वर्ष 2025 तक मोटे अनाज का बाजार वर्तमान 9 बिलियन डॉलर बाजार मूल्य से बढ़कर 12 बिलियन डॉलर हो जाएगा.

इन देशों में होती है सबसे ज्यादा खेती
भारत के अलावा जिन देशों में सबसे अधिक मोटे अनाजों की खेती होती है, उनमें नाइजर, चीन, नाइजीरिया, माली, सुडान, इथोपिया, बर्किना फासो, सेनेगल, चाड, पाकिस्तान, तंजानिया, नेपाल, रूस, यूक्रेन, युगांडा, म्यांमार, घाना और गिनी जैसे देश शामिल हैं. इन देशों में सबसे अधिक अफ्रीकी देश हैं जहां मिलेट्स सबसे अधिक उगाया जाता है. देशों में देखें तो मिलेट्स उगाने में भारत पहले स्थान पर है जबकि दूसरे पर नाइजर है.

Related posts

Leave a Comment