‘घर-घर में रावण बैठा…शांति नहीं अब क्रांति होगी’: राजकोट में बोले धीरेंद्र शास्त्री

गुजरात के राजकोट में गुरुवार को बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का दिव्य दरबार लगा. शहर के रेस कोर्स मैदान में लगे इस दिव्य दरबार में हजारों की संख्या में भक्त हाजिरी लगाने पहुंचे. यहां धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि अब समय आ गया है कि हिंदुओं को घरों से निकलकर राम की वीरता की गाथा को सुनाना होगा. उन्होंने कहा कि दूसरे मजहब के लोग टोपी लगाते हैं, कोई गले में कुछ लटकता है. कई रविवार को एक साथ निकलते हैं, लेकिन हमे तिलक लगाकर निकालना होगा. उन्होंने कहा कि अब राम की वीरता गाथा सुनाने का वक्त आ गया है.

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि बहुत राम कथा बहुत हो गई, सीता माता का अपहरण हो गया. अब समय आया है वीर राम की वीरता की गाथा सुनाने का. शास्त्री ने कहा कि आज घर घर में रावण बैठा है. हर रावण को मारने के लिए अब इतने राम कहा से लाएं. ऐसे में हर व्यक्ति को अपने अंदर के राम को जगाना होगा. वो बोले अब शांति नहीं क्रांति होगी, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि किसी से लड़ना है, ऐसा भी नहीं कि कल ही किसी को ठोक दो. उन्होंने कहा कि जब सब हिंदू एक साथ तिलक लगाकर निकलेंगे तो किसी की हिम्मत नहीं होगी हमारे सामने खड़े हो सके.

‘सनातन की एकता देख हो जाती है बवासीर’
उन्होंने कहा कि कई लोग हैं जो मेरा विरोध करते हैं. जो आज नहीं आए वो बुजदिल है. जिनको सनातन की एकता देखकर बवासीर हो जाती है. उन्होंने कहा कि आप दो जिंदगी जी सकते हो. एक वो जो घर पर बैठे हैं. और दूसरे आप सब जो यहां जाग गए हैं. अब सोच लेना कौन सी ज़िंदगी जीनी है बुज़दिल वाली या सनातन वाली. उन्होंने कहा कि दिल्ली में जैसे साक्षी के साथ हुआ वैसा कल आपके बहन बेटी के साथ भी हो सकता है, जैसा कश्मीर पंडितों के साथ हुआ ऐसा आपके साथ भी हो सकता है तो अभी भी समय है हमे जागना होगा.

उन्होंने राजनीति से जुड़े सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि बीजेपी और कांग्रेस सभी उनके हैं. हमे किसी पार्टी से नहीं जोड़ा जाए और ना ही कोई नेता हमसे उम्मीद रखे. वहीं संतों पर हो रहे अत्याचार पर वो बोले पालघर में संतों को मारा गया, संतों की चोटी काटी गई, रामचरितमानस को जलाया गया, याद रहे अब ऐसा ना हो. उन्होंने कहा कि हम यहां सनातन का पाठ पढ़ाने आए हैं. किसी हल्लीउल्ला वाले तांत्रिक के चक्कर में नहीं आ जाना. सनातन संत के अलावा किसी में शक्ति नहीं जो हमारा सामना कर सके और जो सामने आया उसकी पेंट गीली कर भेजेंगे.

‘मर जाना लेकिन सनातन छोड़ कर मत जाना’ दिव्य दरबार तो बहाना है हिंदू को जगाना है
उन्होंने श्रोताओं से कहा कि मर जाना लेकिन सनातन छोड़ कर मत जाना, चाहे कुछ भी हो जाए. उन्होंने कहा कि दिव्य दरबार तो बहाना है असल में हमे हिंदू को जगाना है. जो कहते हैं सनातन पाखंड हैं. ये दरबार उन लोगो के लिए तमाचा है. उन्होंने कहा कि बालाजी हमे प्रेरणा देते हैं हम दरबार इसलिए लगाते हैं ताकि हम सनातन की शक्ति दिखा सके. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि जो यह कह रहे थे कि हीरा कितना है बता दें. हम हीरा ही नहीं हम तुम्हारी लुगाइयां तक बता देंगे.

Related posts

Leave a Comment