दिल्‍ली के तीनों निगमों के विलय के बिल को राज्‍यसभा ने दी मंजूरी

नई दिल्‍ली : MCD Merger Bill : विपक्ष के विरोध के बीच दिल्‍ली के तीनों निगमों के एकीकरण को बिल को राज्‍यसभा ने मंजूरी दे दी है. लोकसभा से पहले ही बिल को मंजूरी मिल चुकी है.इस बिल के तहत वर्तमान तीन नगर निगमों को एक एकीकृत नगर निगम में समाहित किया जाएगा. वर्ष 2011 में पूर्ववर्ती दिल्ली नगर निगम को तीन भागों-दक्षिण दिल्ली नगर निगम, उत्तरी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम में विभाजित किया गया था. निगम का यह विभाजन, राजस्‍व सृजन क्षमता के मामले में असमान था, इसके चलते तीनों निगमों के संसाधन और उनके दायित्‍वों के बीच बड़ा अंतर था. इसके कारण तीनों निगम को वित्‍तीय सहित तमाम कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था. केंद्र सरकार का मानना है कि एकीकरण से तीनों नगर निगमों के कामकाज को लेकर व्यय एवं खर्च की देनदारियां कम होंगी तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नगर निकाय की सेवाएं बेहतर होंगी.

इससे पहले, एमसीडी मर्जर बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्‍ली में सत्‍तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) पर निशाना साधा था. मंगलवार को राज्‍यसभा में चर्चा के दौरान उन्‍होंने AAP पर दिल्‍ली के तीनों नगर निगमों से सौतेले व्‍यवहार का आरोप लगाया. अमित शाह ने कहा कि एमसीडी पर वास्‍तविकता सदन पर रखी चाहिए. यह एक तथ्‍य है कि इस तरह के व्‍यवहार के कारण पिछले 10 वर्षों में 200 से अधिक हड़तालें हुई है. AAP के सौतेले व्‍यवहार के कारण दिल्‍ली के तीनों निगम ठीक से काम नहीं कर रहे.उन्‍होंने कहा कि ‘आप’ के सौतेले व्‍यवहार के कारण हड़तालों की संख्‍या बढ़ी है.

शाह ने कहा, ‘तीनों नगर निगमों के साथ सौतेले मां जैसा व्यवहार हुआ, स्वाभाविक है कि विपक्षी सदस्य विरोध करते हैं. लेकिन मेरी बात सुनें. शाह ने कहा कि अगर राजनीतिक उद्देश्य से सरकारें नगर निकायों के साथ सौतेला व्यवहार करेंगी तो पंचायती राज और नगर निकाय व्यवस्था चल नहीं पाएगी. हमारी भी कई राज्यों में ऐसी सरकारें हैं, लेकिन कहीं ऐसा व्यवहार नहीं देखा गया. मैं अभी आंकड़े रखूंगा, उस पर कोई आपत्ति हो तो बताएं. नगर निगमों में वेतन और अन्य मुद्दों को लेकर पिछले दस वर्षों में 250 से ज्यादा बार हड़तालें की गईं..विपक्षी सदस्‍यों खासकर ‘आप’ सांसदों की टोकाटोकी के बीच शाह ने कहा, ‘आलोचना करने के लिए सदन होता है.आलोचना का जितना अधिकार उनका है, उतना हमारा भी है आपको जो समय मिला है, उसमें तथ्‍यों के आधार पर बात करिए, मैं जवाब दूंगा. तीनों निगम अच्‍छे से काम करें इसके लिए समानता लाना जरूरी है. यह तभी होगा जब तीनों नियमों का एकीकरण किया जाए. मेरी सभी से अपील है कि पार्टी लाइन से ऊपर उठकर चर्चा करें. ‘

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