बिहार में एक ही दिन में 22 लोगों की डूबने से मौत, जितिया पर्व पर घरों में पसरा मातम

बिहार में जीवित्पुत्रिका (जितिया) पर्व पर अलग-अलग जिलों में नदियों और तालाबों में नहाने गए 22 लोग डूब गए. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी है. उनका कहना है कि यह घटनाएं पिछले 24 घंटे में हुईं हैं. इनमे अधिकतर घटनाएं जीवित्पुत्रिका पर्व के लिए स्नान के दौरान हुईं हैं. प्रदेश के 9 जिलों में पिछले 24 घंटों में हुईं इन घटनाओं पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दुःख जताते हुए मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रूपये की मुआवजा दिए जाने की घोषणा की है.

त्यौहार के दिन राज्य में लोगों के डूबने की घटनाओं में सबसे ज्यादा मौतें भोजपुर में हुई हैं. जिले के बहियारा में सेल्फी के चक्कर में पांच लड़कियां सोन नदी में डूब गईं. नदी के तट पर नहा रही घर की दूसरी महिलाओं ने जब शोर मचाया तो स्थानीय गोताखोर मौके पर पहुंचे, तब तक काफी देर हो चुकी थी और पांचों नदी में डूब चुकी थीं. डूबने से पांचों लडकियों की मौत हो गई.

मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी किए गए बयान में भोजपुर जिले के अलावा जहानाबाद में चार लोगों की मौत नदी में डूबने से हुई है. वहीं पटना और रोहतास में तीन-तीन लोग डूबे गए जिससे उनकी मौत हो गई. दरभंगा और नवादा में भी दो-दो लोग डूब कर मर गए. कैमूर, मधेपुरा और औरंगाबाद में एक-एक व्यक्ति की मौत डूबने से हुई है. इन घटनाओं के बाद मृतकों के परिजनों में कोहराम मचा हुआ है.

त्यौहार की खुशियां बदली मातम में

राज्य में जीवित्पुत्रिका पर्व को महिलाएं बड़ी खुशी के साथ मनाती हैं. इस दिन महिलाएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और बेहतर स्वास्थ्य की कामना के साथ व्रत रखती हैं. पर्व के दिन हुईं घटनाओं से मृतकों के घर मातम छा गया है. त्यौहार की खुशियां चीख-पुकार में बदल गईं. भोजपुर जिले के बहियार की पांच लडकियों के नदी में डूबने से गांव में हाहाकार मचा हुआ है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दुःख की इस घड़ी में पीड़ित परिवारों की मदद की बात कही है.

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