छह बालिग पहलवानों के यौन उत्पीड़न के मामले में भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती है। दिल्ली पुलिस ने सिंह के विरुद्ध दायर आरोपपत्र में दावा किया है कि उन पर मुकदमा चल सकता है।
इसमें पुलिस ने मामले से जुड़े 15 गवाहों के बयानों को प्राथमिक आधार बनाया है। पूरे मामले में इनकी गवाही को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस मामले में बृजभूषण शरण सिंह को 18 जुलाई को कोर्ट में पेश होना है।
दिल्ली पुलिस ने आरोपपत्र में दावा किया कि छह पहलवानों की शिकायतों की जांच के आधार पर बृजभूषण शरण सिंह पर केस चलाया जा सकता है। वह यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और पीछा करने जैसे अपराधों के लिए केस चलाए जाने और सजा के हकदार हैं।
पुलिस ने सिंह के खिलाफ 13 जून को आइपीसी की धारा 506 (आपराधिक धमकी), 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना), 354 ए (यौन उत्पीड़न) और 354 डी (पीछा करना) में आरोपपत्र दाखिल किया था। आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए राउज एवेन्यू कोर्ट ने बृजभूषण और महासंघ के पूर्व सह सचिव विनोद तोमर को 18 जुलाई को तलब किया है।
आरोपपत्र में पहलवानों के मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयान को अहम आधार माना गया है। वहीं, यौन शोषण की कथित जगह पर उनकी मौजूदगी के भी सबूत मिले हैं। आरोपपत्र के अनुसार पहलवानों का रास्ता रोकने और पीछा करने का मामला 2012 का है।
इसमें शिकायत करने वाली महिला पहलवान ने बताया कि बृजभूषण ने एक टूर्नामेंट के दौरान उसकी मां से बात की और उसे अपने कमरे में बुलाकर जबरन ले लगाया। जब महिला पहलवान घर लौटी तो अलग-अलग बहाने से कई बार उसकी मां के नंबर पर फोन करना शुरू कर दिया। बृजभूषण की काल से बचने के लिए उसे अपना फोन नंबर तक बदलना पड़ा।
वहीं, दिल्ली पुलिस मामले में पूरक आरोपपत्र भी दाखिल कर सकती है। पुलिस ने मामले में इंडोनेशिया, कजागिस्तान, बुल्गारिया, मंगोलिया और किर्गीस्तान के कुश्ती महासंघ से फोटो और वीडियो मांगे हैं।
इन देशों में हुए टूर्नामेंट के दौरान बृजभूषण पर यौन शोषण के आरोप लगे हैं। इनके जवाब आने के बाद पुलिस पूरक आरोपपत्र दाखिल करेगी। आरोपपत्र में सभी पीड़ित पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न के मामले में अलग अलग गंभीर आरोप लगाए हैं।