बेंगलुरु में विपक्षी दलों की अहम बैठक से पहले वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम का बयान सामने आया है। चिदंबरम ने कहा कि विपक्षी दलों में कांग्रेस की एक ‘मजबूत स्थिति’ है और हम सब मिलकर भाजपा को 2024 लोकसभा चुनाव में हराएंगे।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि जिस तरह से AAP ने विपक्षी दलों की पटना बैठक में दिल्ली अध्यादेश का मुद्दा उठाया और रखा वह “दुर्भाग्यपूर्ण” था। उन्होंने कहा, प्रत्येक मुद्दे का निर्णय उसकी योग्यता के आधार पर और उचित समय और स्थान पर किया जाना चाहिए।
चिदंबरम ने रविवार को विश्वास जताया कि विपक्ष एकजुट रहकर निश्चित रूप से 2024 के लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती दे सकता है। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा विरोधी गुट का नेता कौन होगा ये उचित समय पर सामने आएगा, लेकिन अभी इसके बारे में बात करने की कोई जरूरत नहीं है।
चिदंबरम ने जोर देकर कहा, विपक्षी दलों के कई उद्देश्य एक समान हैं, क्योंकि वे भाजपा सरकार की सामाजिक और आर्थिक नीतियों का विरोध करते हैं, धीमी आर्थिक वृद्धि, उच्च मुद्रास्फीति और बढ़ती बेरोजगारी के साथ-साथ आम लोगों की स्वतंत्रता में कमी को लेकर चिंतित हैं।
चिदंबरम ने कहा कि बेंगलुरु में होने वाली आगामी बैठक निश्चित रूप से उद्देश्यपूर्ण होगी और हमें इंतजार करना चाहिए और देखना चाहिए कि अगला कदम क्या होगा।
यह पूछे जाने पर कि विपक्ष ने फिलहाल नेतृत्व के सवाल को नजरअंदाज कर दिया है और जब मोदी 10 साल से सत्ता पर हैं तो क्या बिना प्रधानमंत्री पद के चुनाव में जाना संभव होगा। इस पर चिदंबरम ने कहा कि नरेंद्र मोदी भाजपा के शीर्ष पर रहे हैं और 10 वर्षों में केंद्र सरकार ताकतवर नहीं बल्कि कमजोर हुई है।
उन्होंने कहा कि मोदी के हाथ खाली हैं, क्योंकि उन्होंने अपने वादे पूरे नहीं किए हैं। चिदंबरम ने तंज कसते हुए कहा कि शायद नारों को छोड़कर पीएम ने कुछ नहीं दिया।