उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात इलाके में एक गेस्ट हाउस से पुलिस को फोन आता है और वह जानकारी देता है कि कमरे में एक लाश पड़ी हुई है. वह बताता है कि जिस तरीके से इस शख्स की हत्या की गई है, वह अपने आप में रोंगटे खड़े करने वाली है. जानकारी मिलने के बाद पुलिस संबंधित स्थान पर पहुंचती है और वह भी शख्स के शव को देखकर हैरान रह जाती है.
दरअसल, जैसे ही पुलिस अंदर जाती है तो देखती है कि बिस्तर और पूरे फर्श पर खून फैला हुआ है. इसके साथ ही दीवार पर एक मैसेज लिखा होता है, जिसमें कहा गया था कि जब प्रकृति से मनुष्य खिलवाड़ करने लगता है तो प्रकृति अपना बदला खुद लेती है. इसके साथ ही शव के होठों को भी स्टेपल से स्टेप किया हुआ था. इसकी गर्दन को धारदार हथियार से काटने की कोशिश की गई थी. इसके अलावा शव का प्राइवेट पॉर्ट भी गायब था. यह घटना सीरियल किलिंग की तरफ इशारा कर रही थी.
आरोपी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली जमानत
पुलिस अब कमरे की तलाशी लेने लगती है और उसको जानकारी मिलती है कि कातिल प्राइवेट पॉर्ट को अपने साथ ले गया, क्योंकि वह कमरे में नहीं था. पुलिस भी इस हत्या की दरिंदगी से कांप उठी थी. लेकिन जब मामले का खुलासा हुआ तो हर कोई यह सोचने पर मजबूर था कि जिस तरह से इस शख्स की हत्या कि गई वह सही थी. यह शख्स 13 साल से ऐसा पाप करता आ रहा था, जिसके सामने उसकी निर्मम तरीके से की गई हत्या भी सभी को कम लगने लगी थी. 21 जुलाई 2013 की इस कहानी को इसलिए बताया जा रहा है कि हत्या की आरोपी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी, जिससे इस घटना की याद एक बार फिर ताजा हो गई.
डॉक्टर के घर पहुंचा पॉर्सल
जांच के बाद पुलिस को पता चला कि यह शव कानपुर देहात स्थित अमरोहा पीएचसी के प्रभारी डॉक्टर सतीश चंद्र का है. इसके बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज चुकी थी. डॉक्टर की छवि किसी भगवान से कम नहीं थी. पुलिस मामले की छानबीन में लगी हुई थी और उसके ऊपर काफी दबाव था. लेकिन तभी डॉक्टर के घर एक कुरियर पहुंचता था, जिसका उसकी पत्नी का नाम था. कुरियर लेने के बाद जब पत्नी उसे खोलती है तो वह खींचकर उसे फेंक देती है और पुलिस को इस बारे में जानकारी दी जाती है.
दरअसल, इस डिब्बे में डॉक्टर का वह कटा हुआ प्राइवेट पॉर्ट था जो पुलिस को नहीं मिला था. इस घटना के बाद पुलिस पर और भी दबाव बढ़ गया था और वह अपने मुखिबरों को एक्टिव कर देती है.
डॉक्टर के पास काम करती थी युवती
पुलिस को जांच में पता चलता है कि गोविंद नगर थाना की युवती बाल्मिकी नाम की एक 25 वर्षीय युवती लड़की का डॉक्टर से कुछ संबंध था और यह दोनों अक्सर मिलते थे. यह युवती कुछ समय पहले डॉक्टर के पास की काम किया करती थी. इसकी तलाश में पुलिस लग जाती है, लेकिन यह हाथ नहीं आती है. फिर एक दिन यह खुद ही गोविंदनगर थाने में जाकर सरेंडर कर देती है. यह बताती है कि उसने ही डॉक्टर को मारा है और उसे इस बात का कोई अफसोस नहीं है. वह बीएड, एमए और टीआईटी की हुई थी. उसने कहा कि डॉक्टर को मारकर उसने एक हैवान का अंत किया है. पुलिस उसे घटनास्थल पर ले जाकर पूरी बात बताने को कहती है तो युवती बेधड़क होते हुए कहती है कि मैं सबकुछ बताने के लिए तैयार हूं, लेकिन यह बताओ कि डॉक्टर कौन बनेगा?
21 जुलाई को डॉक्टर को मिलने को बुलाया
लड़की 13 जुलाई को ही शहर में आती है और 16 जुलाई को डॉक्टर को मिलने के लिए बुलाती है, लेकिन डॉक्टर काम होने की बात कहके 21 जुलाई को मिलने का तय करता है. लड़की तय समय पर गेस्ट हाउस पहुंचती हैं और कमरा नंबर 206 बुक किया जाता है, लेकिन लड़की को कमरा पसंद नहीं आता है तो वह 101 नंबर का कमरा बुक किया जाता है. हालांकि डॉक्टर के आने से पहले लड़की तैयारी कर लेती है और उसकी शराब में नींद की गोलियां मिला चुकी थी. इसके बाद वह डॉक्टर को आने के बाद शराब पिलाती है और वह नींद में सो जाता है.
अब लड़की अपने साथ जो स्टेपलर लाई थी, उससे उसका मुंह बद करती है. फिर धारदार हथियार से उसका गला और प्राइवेट पार्ट काटी है. फर्श पर बिखरे खून से वह दीवार पर संदेश भी लिखती है कि जब प्रकृति से मनुष्य खिलवाड़ करने लगता है तो प्रकृति अपना बदला खुद लेती है. पुलिस ने कातिल और उसकी निशानदेही पर कत्ल का सामान भी बरामद कर लिया था, लेकिन अभी भी डॉक्टर की हत्या की वजह का उसको पता नहीं था.
क्यों किया डॉक्टर का मर्डर
युवती पुलिस को बताती है कि कहानी 13 साल पहले 2001 से शुरू होती है. युवती ने बताया कि वह गोविंदपुर इलाके में अपने परिवार के साथ रहती है, लेकिन 2001 में पिता की तबियत खराब होने के बाद वह डॉक्टर सतीश चंद्र से मिलती है और डॉक्टर उसके पिता का इलाज करने लगते हैं. फिर 2003 में युवती हाईस्कूल में थी और डॉक्टर उसे अपने प्राइवेट क्लीनिक में नौकरी करने के लिए कहता है.
इंजेक्शन लगाकर डॉक्टर करता था रेप
परिवार की माली हालत खराब होने की वजह से युवती भी हां कर देती है और यहां पर नौकरी करने लगती है. लेकिन यहीं से चीजे बदलने लगती है. एक दिन लड़की को बुखार हो जाता है और डॉक्टर उसे इंजेक्शन लगा देता है. फिर इसी का फायदा उठाकर डॉक्टर लड़की के साथ दुष्कर्म करता है. समय बीतता जाता है और डॉक्टर हर बार लड़की को नशे का इंजेक्शन लगाकर दुष्कर्म को अंजाम देता. समय बीतने के साथ लड़की भी इन नशे के इंजेक्शन की आदी हो चुकी थी और डॉक्टर इसी का फायदा उठाकर उसके साथ लगातार रेप करता रहता. लड़की के साथ करीब 10 साल तक ऐसा हो रहा है. युवती ने यह भी बताया कि डॉक्टर के कई महिलाओं से अवैध संबंध थे, जोकि इसी तरह से बनाए गए थे.
21 जुलाई को कर दिया मर्डर
युवती ने बताया कि जब यह चीजे बढ़ती चली जाती है तो वह डॉक्टर की पत्नी के पास पहुंचती है तो उसकी बात सुनने की बजाया डॉक्टर की पत्नी उसे डांटकर भगा देती है. डॉक्टर की पत्नी अपने पति को भगवान मानती थी, लेकिन यह सच नहीं था. ऐसे में एक दिन कुछ ऐसा होता है कि उसे यह कदम उठाना पड़ता है. युवती ने बताया कि डॉक्टर अब उसकी बहन पर भी नजर रखने लगा था और उसे यह सुनने के बाद काफी गुस्सा आया, जिसके बाद उसने डॉक्टर की हत्या का प्लान बनाया. इसीलिए उसने 21 जुलाई को उसका निर्मम मर्डर कर दिया.
2016 में सेशन कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा
पुलिस ने सभी साक्ष्य एकत्रित करके युवती को गिरफ्तार कर लिया और 23 सितंबर 2016 को उसे सेशन कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई. 2016 से यह लगातार जेल में थी और उसने सेशन कोर्ट के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की थी, वहीं इसने जमानत की याचिका भी दी हुई थी. अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने युवती को यह कहते हुए जमानत दी है. हालांकि इसे अभी दोषमुक्त नहीं किया है और यह आना बाकी है.