राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद अखिलेश अलर्ट, MLC चुनाव से पहले टटोलेंगे विधायकों का मन

लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में विधान परिषद का चुनाव है. विधान परिषद की 13 सीटों के लिए 21 मार्च चुनाव होगा. इन सीटों के लिए सोमवार को नामांकन शुरू हो चुका है. चार मार्च से 11 मार्च तक नामांकन भरे जाएंगे. विधान परिषद चुनाव के मद्देनजर समाजवादी पार्टी ने कल यानी बुधवार को अपने विधायकों की बैठक बुलाई है.

बता दें कि विधायकों की संख्या के हिसाब से समाजवादी पार्टी 3 जीत सकती है. लेकिन राज्यसभा चुनाव में जिस तरह से समाजवादी पार्टी के विधायकों ने क्रॉस वोटिंग किया उससे पार्टी नेतृत्व इस बार सजग है. समाजवादी पार्टी की तरफ से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, बलराम यादव और शाह आलम उर्फ़ गुड्डू जमाली उम्मीदवार हो सकते हैं.

जमाली पिछले ही महीने बीएसपी छोड़ कर समाजवादी पार्टी में आए हैं. उनके चुनाव लड़ने के कारण ही समाजवादी पार्टी 2022 में आजमगढ़ का लोकसभा उप चुनाव हार गई थी. आम चुनाव में अखिलेश यादव यहां से सांसद चुने गए थे. बलराम यादव भी आजमगढ़ से हैं. वे मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की सरकार में मंत्री रह चुके हैं. उनके बेटे संग्राम यादव भी विधायक हैं.

BJP 10 तो सपा तीन सीटें जीत सकती हैं
विधायकों के संख्या बल के मुताबिक, 10 एमएलसी सीटें बीजेपी और तीन सीटें सपा जीत सकती है. यूपी की जिन 13 एमएलसी का कार्यकाल पूरा हो रहा है, उसमें 10 सदस्य बीजेपी, एक सदस्य अपना दल (एस), एक सपा और एक बसपा का सदस्य है. विधान परिषद की 13 सीटों पर हो रहे चुनाव में एक सीट के लिए 29 विधायकों का वोट चाहिए. इस लिहाज से देखें तो बीजेपी 10 और सपा तीन सीटें जीत सकती हैं.

NDA के पास 288 विधायकों का समर्थन
यूपी एनडीए के पास फिलहाल 288 विधायकों का समर्थन हासिल है और राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले सपा विधायक भी उनके खेमे में हैं. इस लिहाज से 10 सीटें जीतना तय है. बीजेपी अपने सहयोगी दलों को साधे रखने के लिए एक-एक सीट अपना दल (एस) और आरएलडी को दे सकती है. सभी की निगाहें 13 एमएलसी सीटें के चुनाव पर टिकी हुई हैं.

UP में MLC का समीकरण
उत्तर प्रदेश विधानसभा के कुल 403 सदस्यों में से फिलहाल 399 सदस्य हैं. राज्यसभा की तरह एमएलसी चुनाव का फॉर्मूला है. एक एमएलसी सीट के लिए 29 वोट चाहिए होंगे. यूपी में बीजेपी के पास 252, अपना दल (एस) 13, आरएलडी के 9, निषाद पार्टी के 6, सुभासपा के 6 और राजा भैया के दो विधायकों का समर्थन है. इस तरह बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए के पास 288 विधायक हो रहे हैं. वहीं, सपा के 108 विधायक और कांग्रेस के पास 2 विधायक हैं. इस सपा को 110 विधायक का समर्थन है.

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