अर्णब गोस्वामी चैट लीक कांड: जरूरी है ईमानदार जांच, WhatsApp समेत कई सजा के हकदार

पत्रकार अर्णब गोस्वामी की WhatsApp Chat Leak कांड के बाद से दुनिया भर में दो सवालों पर बहस छिड़ गयी है. आखिर कमजोर कौन है?

पत्रकार अर्णब गोस्वामी की WhatsApp Chat Leak कांड के बाद से दुनिया भर में दो सवालों पर बहस छिड़ गयी है. आखिर कमजोर कौन है? व्हाट्सएप की वह पुख्ता दावेदारी जिसमें वो शत-प्रतिशत गोपनीयता बनाये रखने का दम भरता आ रहा था. या फिर वे हिंदुस्तानी एजेंसियाँ जिनके अभेद्य किले को, एक अदद पत्रकार ने तार-तार कर डाला. इस मुद्दे पर जितने मुंह उतनी बातें सामने आ रही है. कुछ लोग इस सबके लिए व्हाट्सएप को झूठा-मक्कार दगाबाज करार दे रहे हैं. कुछ लोग ऐसी पत्रकारिता को पानी पी-पी कर कोस रहे हैं. जो देश को दांव पर लगा दे.

जमाने में तमाम ऐसे लोग भी हैं जो, इस सबके पीछे साम-दाम-दण्ड-भेद सबके बेजा इस्तेमाल की बात कहने में भी गुरेज महसूस नहीं कर रहे हैं. हिंदुस्तानी कानून के जानकार तो इस सबके पीछे, व्हाट्सएप से कहीं ज्यादा, हिंदुस्तानी हुकूमत और उसकी खुफिया एजेंसियों को भी घेरने में संकोच नहीं कर रहे हैं. देश कुछ महशूर कानूनी विशेषज्ञों की तो राय यहां तक है कि, इस मामले की जांच में अब सरकार जिसे चाहे घेर और जिसे चाहे छोड़ सकती है. भले ही इस चैट लीक कांड में क्यों न, हिंदुस्तानी हुकूमत के ही कुछ कारिंदों की कारस्तानी शामिल रही हो.

चैट लीक कांड पर पाकिस्तानी चुटकी ले रहे

टीवी9 भारतवर्ष से विशेष बातचीत में दिल्ली हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस एस.एन. ढींगरा ने कहा, “मैने देखा सुना पढ़ा है कि, अब इस मामले पर पाकिस्तान भी चुटकी ले रहा है. वो दुनिया भर में गाता घूम रहा है कि, देखो कैसे भारत टेररिज्म को बढ़ावा देता है. जहां तक व्हाट्सएप की दावेदारी कि, उसकी चैट दुनिया में लीक ही नहीं हो सकती. उस दावे का भी इस कांड ने दम निकाल दिया है. चैट कैसे लीक हुई? एक बात तो यह है. दूसरी बात यह है कि, व्हाट्सएप के तमाम दावे झूठे साबित हो गये. इस चैट के लीक हो जाने से. इस कांड ने साबित कर दिया है कि, व्हाट्सएप के दावों में बड़ा झोल मौजूद है. वरना भला सोचिये कि उसकी (व्हाट्सएप) तकनीक फुलप्रूफ थी, तो फिर यह इतना लंबा-चौड़ा बबाल कैसे सामने आ गया?”

सब व्हाट्सएप का फाल्स प्रोपेगंडा है

रिटायर्ड जस्टिस एस.एन. ढ़ींगरा आगे कहते हैं, “प्राइवेसी को लेकर व्हाट्सएप का फाल्स प्रोपेगंडा है. इससे तो पता चलता है कि, व्हाट्सएप ने नई पॉलिसी निकाली है. जिसके तहत यह अब हमारा डाटा फेसबुक को देने की बात कर रहा है. ऐसे में किसकी प्राइवेसी और काहे की प्राइवेसी? यह प्लानिंग जल्दी ही अमल में लाने की बात कर रहा है व्हाट्सएप. इनकी प्राइवेसी गांरटी विश्वास के लायक है ही नहीं.”

हम व्हाट्सएप की कमाई का जरिया हैं

उन्होंने आगे कहा, “पहले यही व्हाट्सएप एक रुपये में हमारे मैसेज भेजता था. जब उसकी दुकान चल गयी तो अब उसने मैसेज फ्री करके, हमसे कमाई के दूसरे रास्ते निकाल लिये. हमें लग रहा है कि व्हाट्सएप हमें फोकट में सुविधा दे रहा है. सब बकवास है. हम हिंदुस्तानी ही फोकट और सस्ते के चक्कर में इन व्हाट्सएप जैसे ग्रुप्स के झंझट में जल्दी फंसते हैं. बाद में इनके झूठे वायदों का नुकसान भी सबसे ज्यादा हमें (हिंदुस्तानियों) ही उठाना पड़ता है.”

हिंदुस्तान की साख दांव पर लगी है

1974 बैच के पूर्व आईपीएस अधिकारी और उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ. विक्रम सिंह, पत्रकार अर्णब गोस्वामी के व्हाट्सएप चैट लीक कांड को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हैं. उन्होंने कहा, “इस मामले ने हिंदुस्तान की सुरक्षा दांव पर लगा दी है. सिर्फ अर्णब को घेरने से काम नहीं चलेगा. वो तो पत्रकार है. उसका काम ही ऐसा है. हांलांकि, मेरे कहने का यहां यह मतलब कतई नहीं है कि, अर्णब गोस्वामी का इस घिनौने कांड में कोई पाप या जिम्मेदारी नहीं है. अर्णब से पहले मगर हमें हिंदुस्तानी हुकूमत के ढीले इंतजामों पर भी सोचना चाहिए. ”

आज यह लीक हुआ कल कुछ नहीं बचेगा

बकौल डॉ. विक्रम सिंह, “मैं पूछता हूं कि आखिर, अर्णब तक इतनी सीक्रेट जानकारियाँ पहुंचाई ही कैसे कब और किसने?” विक्रम सिंह के मुताबिक, “आज सर्जिकल जैसे स्ट्राइक की चैट लीक हो गयी है. कल को हमारे देश के प्रधानमंत्री राष्ट्रपति, गृहमंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी और तमाम बातें भी ऐसे ही लीक करवा दी जायेंगी! तब सोचिये कि परिणाम किस हद के घातक होंगे? इस मामले की ईमानादारी से उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए.”

निजता का उल्लंघन तो खुलकर हुआ है

सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के वरिष्ठ वकील डॉ. ए.पी. सिंह ने कहा, “इस पूरे मामले में निजता के अधिकार का खुला हनन तो हुआ ही है. अब अगर इस मामले की तफ्तीश शुरु होगी तो सब अपने-अपने को बचायेंगे और गैर को मारेंगे. मसलन अगर मैं व्हाट्सएप की ओर से वकील बनकर केस लडूंगा तो, चैट लीक की पूरी जिम्मेदारी सरकारी नुमाईदों पर डालने की कोशिश करुंगा. ,सरकार की तरफ से वकालत करुंगा तो, इसमें फंसे पत्रकार और
व्हाट्सएप को घेरुंगा.”

कोई भी इस तथ्य से इंकार नहीं कर सकता

डॉ. एपी सिंह आगे कहते हैं, “पत्रकार के वकील की हैसियत से कोर्ट में खड़ा होऊंगा तो, सरकारी एजेंसियों को घेरने की मेरी कोशिश होगी. आखिर पत्रकार तक इतनी संवेदनशील जानकारियाँ पहुंची ही कैसे?” हिंदुस्तान के सीनियर क्रिमिनल लॉयर डॉ. ए.पी. सिंह ने आगे कहा, “हां, इतना तो तय है कि इस पूरे मामले में निजता तो भंग हुई है. इसे अर्णब गोस्वामी, व्हाट्सएप, हिंदुस्तानी हुकूमत कोई भी इंकार नहीं कर सकता. दोषी और निर्दोष को निकाल कर बाहर लाना दूसरा मुद्दा है.”

ईमानदार जांच हुई तो कई सजा के हकदार होंगे

बातचीत करते हुए दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के पूर्व डीसीपी और दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील एल.एन. राव कहते हैं, “निजता भंग हुई है. अगर इस मामले की सही जांच हो जाये तो, इसमें सजा भी होने के बहुत हद तक चांस हैं. अगर मुजरिम पकड़ा गया तो, कम से कम तीन साल तक की सजा तो तय मानकर चलिए. निजता किसने भंग की? किसकी कितनी भूमिका रही? कौन कितनी सजा का हकदार होगा? यह तमाम तथ्य जांच एजेंसी और अदालत पर निर्भर करेंगे.”

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