हरियाणा में बना रहेगा BJP-JJP का साथ, लोकसभा चुनाव भी मिल कर लड़ेंगे- बोले दुष्यंत चौटाला

सभी राजनीतिक दलों ने 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर कमर कस ली है. खुद को हर स्तर पर मजबूत करने को लेकर साम-दाम-दंड-भेद अपनाया जा रहा है. इस बीच कहीं-कहीं से टकराव की भी खबरें आ रही हैं. विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA के हाल से तो हम सभी वाकिफ हैं. लेकिन दरार की खबरें एनडीए से भी आने लगी हैं. मामला हरियाणा से जुड़ा है. राज्य में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जननायक जनता पार्टी (JJP) के बीच गठबंधन है. पहले दोनों दलों के नेता लोकसभा चुनाव में अकेले मैदान में उतरने की बात कर चुके हैं. इसी साल लोकसभा के बाद विधानसभा चुनाव भी होने हैं. ऐसे में सभी के मन में ये सवाल है कि ये गठबंधन आगे भी रहेगा या नहीं?

दुष्यंत चौटाला ने क्या कहा?

इन सभी अटकलों पर अब जाकर विराम लगा है. हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने तस्वीर साफ की है. दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा में लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के साथ गठबंधन बनाए रखने और NDA में बने रहने की उम्मीद जताई है. साथ हीबीजेपी ने भी हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर अकेले ही चुनाव लड़ने की खबरों को फिलहाल खारिज किया है. ऐसे में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन जारी रहने की उम्मीद है. हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर लोकसभा प्रभारी और सह-प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं. इन प्रभारियों को को-ऑर्डिनेशन की भी जिम्मेदारी दी गई है.

दुष्यंत चौटाला से जब पूछा गया कि बीजेपी सभी 10 की 10 लोकसभा सीटों पर अकेले ही चुनाव लड़ने का दावा कर रही है तो उन्होंने कहा कि 10 की 10 सीटों पर तैयारी तो हम भी कर रहे हैं. हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर हम भी काम कर रहे हैं और बीजेपी भी काम कर रही है, लेकिन जब गठबंधन होते हैं तो मिल-बैठकर ही बातचीत करके किसी फैसले पर आया जाता है.

लोकसभा के लिए कैसी तैयारी?

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हमने हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर लोकसभा प्रभारी और सह-प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं. इन प्रभारियों को को-ऑर्डिनेशन की जिम्मेदारी दी गई है. चौटाला ने इस बात पर जोर दिया है कि हमने हरियाणा में पूरे को-आर्डिनेशन के साथ सरकार को चलाया भी है और गठबंधन को निभाया भी है.

NDA के सीट बंटवारे और गठबंधन को लेकर भारतीय जनता पार्टी राज्यों में गठबंधन सहयोगियों के साथ को-ऑर्डिनेट कर रही है. फिलहाल प्रभारियों की नियुक्तियां दक्षिण के राज्यों को ध्यान में रखकर की गई हैं. इसके बाद उत्तर और अन्य कई राज्यों में भी की जाएगी.

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