हैदराबाद में BJP राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक, अल्पसंख्यकों में पैठ बनाने के लिए पीएम मोदी ने दिये ये सुझाव

हैदराबाद (Hyderabad) में बीजेपी (BJP) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी (National Executive Committee) की बैठक चल रही है. इस बैठक में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की उत्तर प्रदेश इकाई (BJP Unit) से यह विश्लेषण करने के लिए कहा है कि पिछड़े-दलित मुस्लिम (Dalit Muslim), जिनको आमतौर पर पसमांदा के रूप में जाना जाता है, सरकार की नीतियों से कैसे प्रभावित होते हैं, और उनके जीवन को तेजी से ऊपर उठाने और उन तक पहुंचने के लिए क्या काम किया जा सकता है. पीएम का यह सुझाव यूपी बीजेपी प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह द्वारा हैदराबाद में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में एक प्रेजेंटेशन के दौरान आया.

स्वतंत्र देव यूपी की टोली को बता रहे थे कि कैसे बीजेपी ने मुस्लिम-यादव संयोजन के लिए जानी जाने वाली सीट आजमगढ़ जीती है. इसी दौरान प्रधानमंत्री ने हस्तक्षेप किया, पार्टी नेतृत्व को और अधिक सामाजिक समीकरणों का पता लगाने और राज्य में दलित मुसलमानों तक पहुंचने के लिए कहा. उत्तर प्रदेश सरकार में एक मुस्लिम मंत्री दानिश अंसारी हैं और वह इसी समुदाय से आते हैं. मोदी ने कहा कि हर राजनीतिक दल द्वारा जाति दलितों, ठाकुरों और यादवों के साथ वोट बैंक की राजनीति में कई अन्वेषण किए गए हैं, और कुछ साल पहले यह नहीं सोचा जा सकता था कि बीजेपी आजमगढ़ जीतेगी-और फिर भी ऐसा हुआ.

अल्पसंख्यक वर्ग के लिए क्या है बीजेपी का प्लान?
सूत्रों के अनुसार पीएम ने  बैठक में कहा कि अब हमें विभिन्न सामाजिक समीकरणों के साथ और अधिक प्रयोग करने होंगे और उन पर काम करना होगा. अल्पसंख्यकों और हाशिए के वर्गों के उत्थान के लिए आठ साल के विकास कार्य. हमें यह देखने की जरूरत है कि विकास लाभांश हमारे लाभार्थियों को कैसे प्रभावित कर रहा है.

मोदी ने वर्तमान जानकारी का विश्लेषण करने और अधिक डेटा एकत्र करके समुदाय को वैज्ञानिक रूप से देखने पर भी ध्यान दिया. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह हमारे लिए आश्चर्य की बात थी कि पीएम ने यूपी बीजेपी को दलितों और मुसलमानों के साथ काम करने के लिए कहा. हालांकि, वह सही हैं जब वे कहते हैं कि हमें उन लोगों के बीच भी काम करना चाहिए जो चुनावी रूप से हमारे साथ नहीं रहे हैं तो इस प्रक्रिया ने और अधिक सामाजिक समीकरण ढूंढे हैं. 

कौन हैं पसमांदा मुसलमान?
यूपी के पूर्व मंत्री के मुताबिक़ पसमांदा मुसलमान दलित और ओबीसी मुसलमान (OBC Muslim) हैं जिनमें मुस्लिम समुदाय का 75 से 80 प्रतिशत हिस्सा है. सैयद, शेख, पठान उच्च जाति के मुसलमान हैं जबकि अल्वी और सैनी, दर्जी, बढ़ई और बंकर पसमांदा मुसलमान हैं. हम पसमांदा समुदाय को यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि बीजेपी उनके जीवन के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है. उम्मीद है कि वे और उदारतापूर्वक सोचेंगे. 

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