जम्मू कश्मीर को राजनीतिक प्रयोगशाला की तरह इस्तेमाल कर रही BJP, महबूबा मुफ्ती का बड़ा आरोप

जम्मू-कश्मीर : जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर ‘संविधान की धज्जियां उड़ाने’ और जम्मू-कश्मीर को ”राजनीतिक प्रयोगशाला” बनाने के गंभीर आरोप लगाते हुए हमला बोला है. इसी के साथ उन्होंने कहा है कि वो फिर कभी भी BJP के साथ गठबंधन नहीं करेंगी. महबूबा मुफ्ती ने ये भी कहना है कि BJP के साथ पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के गठबंधन का विचार उनके पिता का था.

हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में मुफ्ती ने कहा, BJP के साथ गठबंधन का फैसला मेरे पिता (मुफ्ती मोहम्मद सईद) का था और मैंने उनका सम्मान किया. बस इतना ही, अब ये इसके आगे नहीं होगा.”

महबूबा ने आगे कहा, “मेरे पिता का पॉलिटिकल विजन सिर्फ जम्मू कश्मीर के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए था. उन्होंने BJP के साथ गठबंधन करते हुए सब कुछ दांव पर लगा दिया था, अपनी विश्वसनीयता भी, केवल इस इरादे के साथ कि हमारे पास जो पहले से है- हमारा विशेष दर्जा- वो सुरक्षित रहे और कश्मीर समस्या का एक शांतिपूर्ण और गरिमापूर्ण समाधान खोजा जा सके. इसलिए मैं BJP की बहुत बड़ी प्रशंसक न होने के बावजूद उनके निर्णय के खिलाफ नहीं गई.”

राजनीतिक प्रयोगशाला बन गया है जम्मू कश्मीर
BJP पर “छोटे-छोटे चुनावी फायदों” के चश्मे से ही सब कुछ देखने का आरोप लगाते हुए जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि BJP के पास “विजन और संकल्पों की कमी है, जिससे देश आगे बढ़ सके. इसके बजाय उन्होंने भारत को अल्पसंख्यकों के लिए नफरत, कट्टरता और घृणा में डूबे एक अंधेरे और प्रतिगामी पथ पर ले जाने का रास्ता चुना है. दुर्भाग्य से, जम्मू कश्मीर एक राजनीतिक प्रयोगशाला बन गया है.”

PDP और BJP के बीच साल 2018 में गठबंधन टूट गया था. तब से अगस्त 2019 तक जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू था. 5 अगस्त को संसद ने कानून पारित करते हुए राज्य का विशेष दर्जा वापस लेते हुए उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया. इस दौरान महबूबा मुफ्ति भी 5 अगस्त 2019 से 13 अक्टूबर 2020 तक नजरबंद थीं.

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