खराब सड़कें बनाना गैर-जमानती अपराध होने चाहिए… नितिन गडकरी ने कहा- जिम्मेदार को हो जेल

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि खराब सड़क निर्माण को गैर-जमानती अपराध बनाया जाना चाहिए. उन्होंने यहां तक कहा कि सड़क ठेकेदारों और इंजीनियरों को दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए. इसके लिए उन्हें जेल भेजा जाना चाहिए. केंद्रीय मंत्री ने यह बात उद्योग निकाय भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने सीआईआई के सड़क सुरक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे संस्करण को संबोधित करते हुए कहा कि भारत दुनिया में सड़क दुर्घटनाओं में पहले स्थान पर है. उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जाहिर की. साथ ही कहा कि, ‘दोषपूर्ण सड़क निर्माण को गैर-जमानती अपराध बनाया जाना चाहिए. सड़क ठेकेदारों, रियायतियों और इंजीनियरों को दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और जेल भेजा जाना चाहिए.’

‘साल 2023 में 1,72,000 लोगों की हुई मौत’
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, साल 2023 में देश में पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं. वहीं, इसमें 1,72,000 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई है. वहीं, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, ‘इनमें से 66.4 प्रतिशत यानी 1,14,000 लोग 18-45 साल आयु वर्ग के थे. जबकि 10,000 से अधिक जान गंवाने वालों में बच्चे शामिल थे.’ उन्होंने बताया कि साल 2023 में सड़क दुर्घटनाओं में करीब 55,000 लोगों की मौत हेलमेट नहीं पहनने के कारण हुई. उन्होंने बताया कि इसके अलावा 30,000 लोगों की मौत सीट बेल्ट नहीं लगाने के कारण हुई थी. वहीं, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का लक्ष्य 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को घटाकर आधा करने का है. गडकरी ने यह भी कहा कि राजमार्ग मंत्रालय, राजमार्गों पर ब्लैक स्पॉट (दुर्घटना के लिहाज से संवेदनशील स्थान) को ठीक करने के लिए 40,000 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है.

घायलो को अस्पताल पहुंचाने पर पुरस्कार
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उद्योग और अन्य संबंधित इकाइयों से इसको लेकर आग्रह भी किया. उन्होंने कहा कि वे देश में ड्राइवरों (वाहन चालकों) की भारी कमी को दूर करने के लिए प्रशिक्षण और फिटनेस केंद्र स्थापित करने के लिए सरकार के साथ साझेदारी करें. साथ ही कहा कि रोड एक्सीडेंट के समय अगर कोई घायल को अस्पताल पहुंचाता है तो उसे 25000 रूपए पुरस्कार दिया जाएगा.

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