पुरानी मेट्रो के कायाकल्प के लिए अभियान, नई सुविधाओं के साथ यात्रियों की हमसफर बनेंगी ट्रेन

दिल्ली: दिल्ली-NCR में मेट्रो सेवा अब एक तरह से ट्रांसपोर्ट की लाइफलाइन बन चुकी है. हर दिन हजारों की संख्या में यात्री मेट्रो (Delhi Metro) ट्रेन के जरिए सफर करते हैं. वहीं अब पुरानी हो चुकी मेट्रो के नवीनीकरण की मुहिम चलाई जा रही है. अब पुरानी मेट्रो का कायाकल्प करके इनमें नई मेट्रो जैसी सुविधाएं देने का काम शुरू किया जा चुका है. नवंबर 2021 में पहली मेट्रो का नवीनीकरण का काम पूरा किया गया था और अब तक 10 मेट्रो ट्रेन का कायाकल्प किया जा चुका है. माना जा रहा है कि अगले कुछ वक्त में 18 और ट्रेनों की दशा सुधारने का काम पूरा हो जाएगा.

पुरानी और नई मेट्रो में क्या अंतर ?

दरअसल पहले चरण की मेट्रो ट्रेन आज के दौर की मेट्रो ट्रेन से काफी अलग हैं. 2002 से 2007 के बीच लाई गई मेट्रो ट्रेन के अंदर ना तो मोबाइल या लैपटॉप चार्जिंग की सुविधा है. ना ही इन ट्रेनों के अंदर एलसीडी रूट मैप स्क्रीन की सुविधा हैं. वहीं इन ट्रेन में सीसीटीवी कैमरों की भी सुविधा नहीं थी. इसके अलावा काफी वक्त गुजर जाने की वजह से इन मेट्रो के कोच की रंगत भी फीकी पड़ चुकी है और फर्श भी काफी हद तक खराब हो गए हैं.

18 ट्रेनों के लिए जारी किए टेंडर

मेट्रो प्रबंधन के अधिकारियों का कहना है कि किसी भी ट्रेन की मियाद करीब तीस साल मानी जाती है. ऐसे में ब्लू, येलो और रेड लाइन पर कई ट्रेन 20 साल से ज्यादा पुरानी हो चुकी हैं. ऐसी करीब 18 ट्रेनों में बदलाव के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं. करीब 72 करोड़ रुपये की लागत से इन ट्रेनों के नवीनीकरण का काम पूरा किया जाएगा.

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