दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता में और अधिक गिरावट के बाद कई क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया है. सरकारी एजेंसियों के मुताबिक आगामी दो दिनों में वायु गुणवत्ता और खराब होगी.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से विकसित ‘समीर’ ऐप के अनुसार दिल्ली में 10 निगरानी केंद्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया है. अलीपुर में यह सूचकांक 447, शादीपुर में 441, मुंडका में 419, वजीरपुर में 432, आनंद विहार में 405, बवाना में 413, विवेक विहार में 422, रोहिणी में 401, जहांगीरपुरी में 418 और पटपड़गंज में 405 दर्ज किया गया.
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वायु गुणवत्ता का स्तर गुरुग्राम के कुछ हिस्सों में ‘गंभीर’, फरीदाबाद, गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद में ‘गंभीर’ के करीब दर्ज किया गया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के आधार पर दिल्ली के पड़ोसी जिलों में प्रदूषण के प्रमुख कारक पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई.
सीपीसीबी की ओर से शाम सात बजे तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार गुरुग्राम में सेक्टर 151 में एक्यूआई 401 दर्ज किया गया. इसके अलावा टेरी ग्राम में 325, विकास सदन में 305, और एनआईएसई ग्वाल पहाड़ी में 287 एक्यूआई दर्ज किया गया.
फरीदाबाद के सेक्टर 30 में एक्यूआई 383, न्यू इंडस्ट्रियल टाउन में 376, सेक्टर 16ए में 362, और सेक्टर 11 में 351 दर्ज किया गया. गौतम बुद्ध नगर में पिछले चौबीस घंटे में नोएडा के सेक्टर 62 में एक्यूआई 383, सेक्टर एक में 374, सेक्टर 116 में 322 तथा सेक्टर 125 में “अपर्याप्त” आंकड़े दर्ज किये गए.
सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क पांच में एक्यूआई 388 रहा और नॉलेज पार्क तीन में यह 337 दर्ज किया गया. गाजियाबाद के लोनी में शाम सात बजे एक्यूआई 386 दर्ज किया गया. इसके अलावा संजय नगर में 331, इंदिरापुरम में 305 और वसुंधरा में एक्यूआई 277 दर्ज किया गया.
क्या है पैमाना?
0 और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ तथा 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है.
आईएमडी के अतिरिक्त महानिदेशक आनंद शर्मा ने कहा, ‘‘वायु गुणवत्ता आगामी दो दिनों में यानी 24 अक्टूबर तक और खराब होगी. पराली जलाने के अलावा अन्य कारक भी हैं, जिससे वायु गुणवत्ता खराब हो रही है. इनमें वाहन प्रदूषण और अपशिष्टों को जलाना भी शामिल है.’’