मतभेदों का सम्मान किया जाना चाहिए… गणतंत्र दिवस पर बोले मोहन भागवत

देश भर में आज बड़ी धूमधाम से आज गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने महाराष्ट्र के भिवंडी में ध्वजारोहण किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मतभेदों का सम्मान किया जाना चाहिए और सद्भाव में रहने की कुंजी ही एकजुटता है.आज विश्व प्रतीक्षा कर रहा है कि भारत से हमें आगे का रास्ता मिले. उन्होंने कहा कि ऐसा भारत बनाना हम सबका स्वाभाविक दायित्व है. भिवंडी में ध्वजारोहण के बाद अपने संबोधन में भागवत ने कहा कि जश्न के साथ-साथ गणतंत्र दिवस “राष्ट्र के प्रति हमारी जिम्मेदारियों को याद रखने” का भी अवसर है.

विविधता के कारण हो रहे झगड़े-भागवत
भागवत ने कहा कि विविधता के कारण भारत के बाहर झगड़े हो रहे हैं. हम विविधता को जीवन के स्वाभाविक हिस्से के रूप में देखते हैं. आपकी अपनी विशिष्टताएं हो सकती हैं, लेकिन आपको एक-दूसरे के लिए अच्छा होना चाहिए. यदि आप जीना चाहते हैं, तो यह एक सामंजस्यपूर्ण जीवन होना चाहिए. अगर आप दुखी हैं तो आपका परिवार दुखी है तो वह खुश नहीं रह सकता, उसी तरह, अगर शहर परेशानी का सामना कर रहा है तो कोई परिवार खुश नहीं रह सकता है.

काम हमेशा ज्ञान के साथ करना चाहिए- संघ प्रमुख
भागवत ने ज्ञान और समर्पण भाव दोनों के साथ काम करने के महत्व पर जोर दिया.उन्होंने कहा कि उद्यमी होना महत्वपूर्ण है, लेकिन आपको अपना काम हमेशा ज्ञान के साथ करना चाहिए. बिना सोचे समझे किया गया कोई भी काम फल नहीं देता, बल्कि परेशानी लाता है. ज्ञान के बिना किया गया काम पागल का काम बन जाता है.

भागवत ने चावल का दिया उदाहरण
संघ प्रमुख ने अपनी बात समझाते हुए भागवत ने चावल पकाने की तुलना किसी भी कार्य में ज्ञान की आवश्यकता से की. यदि आप चावल पकाना जानते हैं, तो आपको पानी, गर्मी और चावल की आवश्यकता होगी. लेकिन यदि आप इसे पकाना नहीं जानते हैं और इसके बजाय सूखा चावल खाते हैं, पानी पीते हैं, और घंटों तक सूरज की रोशनी में खड़े रहते हैं, तो यह नहीं बनेगा. भोजन, ज्ञान और समर्पण आवश्यक है.

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