लोकसभा में महंगाई पर चर्चा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं- ‘भारत का मंदी की चपेट में आने का कोई सवाल ही नहीं’

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बढ़ती कीमतों को लेकर लोकसभा (Lok Sabha) में जवाब दिया. उन्होंने कहा कि करीब 30 सांसदों ने आज महंगाई (Inflation) की बात कही, लेकिन बिना डेटा के सब राजनीतिक एंगल से कहा गया. कई सदस्यों ने जो कुछ बातें कही हैं, मुझे लगता है कि ये कीमतों के बारे में डेटा-संचालित चिंताओं के बजाय मूल्य वृद्धि के राजनीतिक एंगल पर अधिक चर्चा थी तो, मैं भी थोड़ा राजनीतिक जवाब देने की कोशिश करूंगी. वहीं कांग्रेस (Congress) ने महंगाई पर जवाब के बीच ही वॉकआउट कर दिया.

उन्होंने कहा कि भारत जिस विकास दर को हासिल करने की उम्मीद कर रहा था, उसमें कमी आई है, लेकिन फिर भी हम सबसे तेजी से विकास कर रहे हैं. महामारी और अन्य वैश्विक मुद्दों के बावजूद, हम अधिकांश देशों की तुलना में बहुत बेहतर कर रहे हैं. हमें देखना होगा कि दुनिया में क्या हो रहा है और भारत दुनिया में क्या स्थान रखता है. विश्व ने ऐसी महामारी का सामना पहले कभी नहीं किया. महामारी से बाहर आने के लिए हर कोई अपने स्तर पर काम कर रहा है, इसलिए मैं भारत के लोगों को इसका श्रेय देती हूं. 

“भारत का मंदी की चपेट में आने का कोई सवाल ही नहीं”

वित्त मंत्री ने कहा कि हमने इस तरह की महामारी कभी नहीं देखी. हम सभी यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे थे कि हमारे निर्वाचन क्षेत्रों के लोगों को अतिरिक्त मदद दी जाए. मैं मानती हूं कि सभी सांसदों और राज्य सरकारों ने अपनी भूमिका निभाई है अन्यथा, भारत वहां नहीं होता जहां उसकी तुलना दुनिया के बाकी हिस्सों से की जाती है. इसलिए मैं इसके लिए भारत के लोगों को पूरी तरह से श्रेय देती हूं. विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी हम सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में खड़े होने और पहचाने जाने में सक्षम हैं. भारत में मंदी या मंदी की चपेट में आने का कोई सवाल ही नहीं है. 

“यूपीए सरकार में 22 महीने तक महंगाई 9 फीसदी से ऊपर रही”

उन्होंने कहा कि आज सुबह हमने जुलाई के पूरे महीने के लिए जीएसटी कलेक्शन की घोषणा की. जुलाई 2022 में, हमने जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक का दूसरा उच्चतम स्तर हासिल किया है- जो 1.49 लाख करोड़ रुपये है. यह लगातार पांचवां महीना है जब कलेक्शन 1.4 लाख करोड़ रुपये से ऊपर रहा है. पेंसिल पर जीएसटी में कोई बदलाव नहीं किया गया है. यूपीए सरकार में 22 महीने तक महंगाई 9 फीसदी से ऊपर रही थी. हम मुद्रास्फीति को 7% या उससे कम पर बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं. 

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बाद खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी से गिरावट आई है. महामारी, दूसरी लहर, ओमिक्रोन, रूस-यूक्रेन (युद्ध), इसके बावजूद हम मुद्रास्फीति को 7% या उससे कम पर बनाए रखा. इसे आपको मानना होगा. 

पड़ोसी देशों का किया जिक्र

जीएसटी और मैक्रो डेटा का हवाला देते हुए, वित्त मंत्री सीतारमण (Nirmala Sitharama) ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अधिक मजबूत हो रही है. भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है. शनिवार को, रघुराम राजन ने कहा कि “RBI ने भारत में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने, भारत को पाकिस्तान (Pakistan) और श्रीलंका (Sri Lanka) जैसे पड़ोसी देशों की समस्याओं से बचाने के लिए अच्छा काम किया है.” 

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